लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा,"हम जनादेश का स्वागत करते हैं. हमारा प्रदर्शन खास नहीं रहा लेकिन हम समर्थन करने के लिए मध्य प्रदेश की जनता का धन्यवाद करते हैं. हमने एमपी में कांग्रेस को सपोर्ट करने का फैसला किया है."


मंगलवार को अखिलेश यादव ने कहा था कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणामों से साफ हो गया है कि जनता बीजेपी के झूठे वादों और जाति-संप्रदाय की राजनीति से ऊब चुकी है और अब उनके बहकावे में नहीं आने वाली.

अखिलेश ने कहा कि इन राज्यों में जनता की एकजुटता ने ही बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया हैं. मतदाताओं ने यह भी जता दिया है कि "जब एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं तब बड़े-बड़ों की सत्ता नौ दो ग्यारह हो जाती है."

सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने इन चुनावों में समाज को तोड़ने और नफरत फैलाने में ही अपनी सारी ताकत लगा दी थी. उसने जनता के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिशें कीं. बीजेपी सत्ता के अंहकार में इतनी डूबी थी कि उसने किसानों, गरीबों, नौजवानों की आकांक्षाओं को ही कुचलना शुरू कर दिया.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चुनावों में जनता ने राज्य के सत्ता प्रतिष्ठानों के साथ केन्द्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी नाराजगी जताई है. इन चुनाव नतीजों का असर निश्चित रूप से अगले साल के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. सपा बीजेपी की जनविरोधी, विकास विरोधी एवं साम्प्रदायिक राजनीति को उत्तर प्रदेश में करारी शिकस्त देगी.

बीजेपी के लिए खतरे की घंटी- रामगोपाल

समाजवादी पार्टी ने पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों को बीजेपी के लिए ख़तरे की घंटी बताते हुए भविष्य में विपक्षी दलों के गठजोड़ के कामयाब होने की उम्मीद जताई है. रामगोपाल यादव ने पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम का हवाला देते हुए बुधवार को कहा,"इस चुनाव परिणाम से बीजेपी के लिए ख़तरे की घंटी बज चुकी है."

यादव ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लोगों ने बीजेपी को ख़ारिज कर साफ़ संदेश दिया है कि जनता को बीजेपी की विभाजनकारी नीतियाँ स्वीकार नहीं है. सपा के प्रदर्शन और भविष्य में विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस के तालमेल के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर चुनाव पूर्व तालमेल होता तो और भी बेहतर परिणाम मिलते. साथ ही सीटों की संख्या भी बढ़ती.

कांग्रेस के रवैये पर सवाल

सपा के राज्यसभा सदस्य यादव ने कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा,"कांग्रेस जब जब और जहाँ कहीं भी मजबूत होती है, तब तब साथी दलों के साथ सही बर्ताव नहीं करती." इस चुनाव परिणाम से कांग्रेस के फिर से मजबूत होने पर अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र रवैये में कोई बदलाव नहीं होने के सवाल पर यादव ने कहा, “हमें उम्मीद है कि कांग्रेस बेहतर तालमेल के लिए सोचेगी. हम इसके लिए आशान्वित है.”

सपा के राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान ने कहा, “यह सही है कि अगर कांग्रेस ने सपा और बसपा के वजूद को स्वीकार कर चुनाव में सम्मानजनक हिस्सेदारी दी होती तो चुनाव में उसकी राह और भी आसान होती. हमारा प्रदर्शन भी तुलनात्मक रूप से और भी बेहतर होता.”