लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि कैराना और नूरपुर में भाजपा को अपनी हार पच नहीं रही है.अखिलेश ने कहा, 'बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष (महेन्द्र नाथ पाण्डेय) को फतवों और सिद्धांतों की याद आ रही है तो केन्द्रीय गृहमंत्री (राजनाथ सिंह) को लम्बी छलांग के लिए दो कदम पीछे जाने की मजबूरी ने घेर रखा है. बीजेपी का यही रवैया बना रहा तो 2019 में उसका कोई नामलेवा भी नहीं बचेगा.' उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को भंग करने वाले उक्त बयानों से बीजेपी के अलोकतांत्रिक राजनीतिक चरित्र पर से पर्दा उठ जाता है. जनादेश का अपमान करना बीजेपी ने अपना एजेंडा बना लिया है. भाजपाई पहले तो चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित करते रहे और अब विपक्ष में परिणाम आने पर अनर्गल बयानबाजी कर माहौल को बिगाड़ने का काम करने में लग गए हैं.


बिगड़ गया बीजेपी का अर्थमैटिक
अखिलेश ने कहा, ‘‘इन उपचुनावों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो सामाजिक सामंजस्य नज़र आया वह अभूतपूर्व था. सभी एकजुट नज़र आए. बीजेपी ने इस सोशल 'केमिस्ट्री' को बिगाड़ने की बहुत साजिशें की किन्तु इससे उनका 'अर्थमैटिक' भी बुरी तरह बिगड़ गया. बीजेपी नेतृत्व को अब इस जनभावना का आदर करना सीखना चाहिए. बीजेपी को न तो लोकलाज है और ना ही वे लोकतंत्र और संविधान में विश्वास हैं.’’ उन्होंने कहा कि बीजेपी मुद्दा विहीन राजनीति करके स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों को ठेस पहुंचाती रही है. समाज को बांटने, सद्भाव बिगाड़ने और जहर बोने की राजनीति के उसके दिन अब बीत चले हैं क्योंकि जनसामान्य अब हर सच्चाई से परिचित हो चुका है. सामाजिक न्याय की शक्तियां एकजुट होकर अब उनके प्रतिरोध में आ गई हैं.


अखिलेश ने कहा- बीजेपी को हार का सामना करने की आदत डाल लेनी चाहिए
सपा मुखिया ने कहा कि बीजेपी को हार का सामना करने की आदत डाल लेनी चाहिए अन्यथा 2019 के परिणामों का सामना कैसे कर पाएगी? जनता विकास चाहती है. झूठे वादों से उसे चिढ़ हो रही है. बीजेपी ने किसानों, नौजवानों के विश्वास को तोड़ा है. बेरोजगारों के द्वारा रोजगार की मांग पर उनका उत्पीड़न हो रहा है. बीजेपी की केन्द्र और राज्य सरकारों ने किसानों के साथ धोखा किया है. महिलाओं-बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं.


अपराध नियंत्रण की जगह हो रहे हैं फर्जी एनकाउंट


अखिलेश ने कहा कि अपराध नियंत्रण की जगह फर्जी एनकाउंटर हो रहे हैं. इस सबका क्या जवाब है बीजेपी सरकार के पास? समाजवादी सरकार में गरीबों, किसानों, नौजवानों के लिए जो कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई थी उन्हें बीजेपी सरकार ने बंद कर दिया. इससे सर्वत्र भारी असंतोष और आक्रोश है. बीजेपी इस स्थिति में पलायन नहीं कर सकती है. उसे हर हाल में जनता के प्रति अपनी जवाबदेही तय करनी होगी.