नई दिल्लीः यूपी चुनाव 2017 के एक्जिट पोल के सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनती नजर आ रही है. ऐसे में उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्ण बहुमत ना मिलने की सूरत में बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया है. अखिलेश यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जरूरत पड़ने पर बीएसपी के साथ हाथ मिलाया जा सकता है.


अखिलेश यादव ने बीबीसी को दिए एक बयान में कहा है कि गठबंधन के लिए मैं अभी इसलिए नहीं कह सकता हूं कि हम खुद सरकार बनाने जा रहे हैं. मैंने हमेशा मायावती को एक रिश्ते के तौर पर संबोधित किया है तो लोगों को लग सकता है कि कहीं हम बीएसपी से गठबंधन न कर लें. ये बात कहना अभी कहना मुश्किल है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हमारा बहुमत आने वाला है और हम सरकार बनाने वाले हैं. हां अगर सरकार के लिए ज़रूरत पड़ेगी तो देखिए, कोई नहीं चाहेगा कि राष्ट्रपति शासन हो बीजेपी रिमोट कंट्रोल से उत्तर प्रदेश को चलाएं. इससे बेहतर होगा कि एसपी और बीएसपी साथ मिलकर सरकार बनाएं.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीबीसी हिंदी के साथ फ़ेसबुक लाइव में कहा कि 11 मार्च का चुनावी नतीजा उनके पक्ष में आएगा.


आपको बता दें कि एबीपी न्यूज़ के एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 164-176, एसपी को 156-169 और बीएसपी को 60-72 सीटें मिल सकती हैं.


उत्तर प्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में समाजवादी पार्टी की रणनीति क्या होगी? इस सवाल पर अखिलेश यादव का कहना था, "हां अगर सरकार के लिए ज़रूरत पड़ेगी तो राष्ट्रपति शासन कोई नहीं चाहेगा. हम नहीं चाहते कि यूपी को बीजेपी रिमोट कंट्रोल से चलाए." मैं गठबंधन की बात अभी नहीं कह सकता क्योंकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है."


चुनाव से पहले ही पारिवारिक कलह के चलते पिता मुलायम सिंह यादव के नाराज होने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, "नेताजी का जहां मन किया वहां प्रचार करने गए. हमने उनसे कुछ नहीं कहा." साधना गुप्ता के प्रतीक यादव को राजनीति में लाने पर अखिलेश का कहना था कि जो राजनीति में आना चाहेगा उसे कौन रोकेगा. राजनीति में सभी को आना चाहिए."


अखिलेश ने कांग्रेस से गंठबंधन पर कहा कि राहुल गांधी और वो एक जैसी सोच वाले है, "राहुल भी चाहते हैं कि प्रदेश का विकास हो. मैं राहुल गांधी को पहले से ही जानता हूं. हमने एक संदेश दिया कि जो धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं जो विकास के लिए सरकार चाहते हैं इसलिए कांग्रेस का साथ दिया. मैं कंजूस के साथ दोस्ती नहीं करता."


अखिलेश ने स्वीकार किया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को साथ लाने में राहुल और प्रियंका दोनों की भूमिका रही है.