कानपुर: इत्र की खुशबू से महकने वाले कन्नौज में बीते कई दशकों से समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है. वर्तमान में अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव सांसद हैं और एसपी की यह सुरक्षित सीट भी मानी जाती है. एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आने वाले लोकसभा चुनाव में कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन बीजेपी ने अखिलेश यादव की संसदीय सीट का तोड़ ढूंढ लिया है.बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (एस) की केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल अखिलेश यादव को टक्कर दे सकते है. इसके साफ संकेत देखने को मिल रहे हैं.अपना दल (एस) की केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल अपने पिता डॉ सोने लाल पटेल की जयंती 2 जुलाई को कन्नौज में भव्य तरीके से मनाने जा रही है. इसके साथ ही उनके पति आशीष पटेल जो अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है उन्होंने कन्नौज के छीबरामाऊ गांव को गोद भी लिया है.


कानपुर-बुंदेलखंड में 10 में 10 लोक सभा सीटे हैं. बीते 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 में से 09 सीटों पर जीत हासिल की थी. कन्नौज की लोकसभा सीट बीजेपी के हाथ से फिसल गई थी और डिम्पल यादव ने जीत हासिल की थी. लेकिन बीजेपी को इस बात का मलाल आज भी है, बीजेपी ने एसपी को एसपी के गढ़ में मात देने का फार्मूला खोज निकाला है. अब बीजेपी खुद कन्नौज से चुनाव नही लड़ेगी बल्कि अपने ही सहयोगी को चुनावी मैदान में उतारेगी. दरअसल अपना दल के संस्थापक डॉ सोने लाल पटेल का जन्म जनपद कन्नौज के बबुलहाई तहशील के छीबरामाऊ में हुआ था.


अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल वर्तमान में एमएलसी हैं और अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. सबसे रोचक बात यह है कि आशीष पटेल ने अपने ससुर डॉ सोने लाल पटेल के गांव को गोद लिया है. अनुप्रिया पटेल कन्नौज में आने वाले 2 जुलाई को पिता डॉ सोने लाल पटेल की जयंती को भव्य तरीके से से मनाने जा रही है. जिसमे बीजेपी के वरिष्ठ नेतागण और अपना दल के सांसद, विधायक और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. विपक्षी पार्टियां इस जयंती को आने वाले लोकसभा की तैयारी मान रही हैं.


दरअसल अखिलेश यादव इस बात की घोषणा पहले ही कर चुके हैं कि डिम्पल यादव अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी. इस स्थिति में अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ने के मूड में है. लेकिन जिस कन्नौज में अखिलेश का राज चलता था उसमें सेंध लगाने का काम अपना दल करेगी. उसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है कि कन्नौज में ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. जिसमें सबसे ज्यादा वोटर यादव और दूसरे नंबर पर कुर्मी समाज के वोटर हैं. इसके बाद एसटी/एससी और मुस्लिम वोटर हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि यदि एसपी-बीएसपी का गठबंधन हुआ तो कन्नौज की इस वीआईपी सीट से सिर्फ एसपी और अपना दल की लड़ाई होगी. एसटी-एससी और मुस्लिम वोटर सीधे अखिलेश यादव का सपोर्ट करेंगे. मुस्लिम और एसटी-एससी वोटरों की संख्या लगभग 20 फीसदी है. बाकी की आबादी यादव वोटर और कुर्मी वोटरों की है. इस आंकडे के हिसाब से अभी भी अखिलेश यादव का पलड़ा भारी है.


आने वाले लोकसभा चुनाव में अपना दल और बीजेपी में सीटो का गठबंधन होना है. वर्तमान में अपना दल के उत्तर प्रदेश में दो सांसद हैं,अब अपना दल यूपी में पार्टी का विस्तार कर रही है. बढ़ते ओहदे को ध्यान में रखते हुए अपना दल आने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 15 सीटो की डिमांड कर सकती है. जबकि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की टोटल 80 सीटें हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी के दो सहयोगी दल है अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी. आने वाले लोक सभा सभा चुनाव में अपना दल 15 सीटो की मांग रही है और दूसरा सहयोगी दल 5 सीटो की मांग कर रहा है. अब देखने वाली बात यह होगी की बीजेपी 80 में से 20 सीटों पर सहयोगी दलों से कैसे कम्प्रोमाइज करेगी.


वैसे जानकारों का मानना है कि कन्नौज में अखिलेश यादव को हराना नामुमकिन है. इस स्थिति में अनुप्रिया पटेल के लिए कन्नौज लोकसभा सीट सबसे अहम होगी क्यों कि उनके पति की प्रतिष्ठा दांव में लगी होगी.