प्रमोशन में आरक्षण और मायावती के बीच फंसे अखिलेश यादव
अखिलेश यादव प्रमोशन में आरक्षण का न तो विरोध कर सकते हैं और न ही समर्थन. मायावती हमेशा से ही एससी और एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण की समर्थक रही हैं. कोर्ट का फ़ैसला आते ही उन्होंने इसे लागू करने की मांग भी की थी. माया बुआ की यही बात भतीजे अखिलेश के लिए जी का जंजाल बन गया है.
लखनऊ: प्रमोशन में आरक्षण को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता परेशान हैं. क्या करें ? क्या बोले ? समझ में नहीं आ रहा है. जब से सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया है. पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उलझन में हैं. इसी लिए उन्होंने सभी प्रवक्ताओं और पैनलिस्टों के लिए एक गाइडलाइन जारी कर दिया है. न्यूज़ चैनलों में पार्टी की तरफ़ से जो लोग डिबेट करते हैं, उन्हें पैनलिस्ट कहा जाता है. उन्हें डर है कि इस मुद्दे पर कहीं कोई ग़लत संदेश न चला जाये. अखिलेश सरकार में ही 2013 में प्रमोशन में आरक्षण की सुविधा ख़त्म हुई थी. मायावती जब तक सीएम रहीं इसे टालती रहीं थी.
कन्नौज लोकसभा सीट से 'सेक्युलर मोर्चे' की दावेदारी पर बीजेपी का बड़ा बयान
अखिलेश यादव प्रमोशन में आरक्षण का न तो विरोध कर सकते हैं और न ही समर्थन. मायावती हमेशा से ही एससी और एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण की समर्थक रही हैं. कोर्ट का फ़ैसला आते ही उन्होंने इसे लागू करने की मांग भी की थी. माया बुआ की यही बात भतीजे अखिलेश के लिए जी का जंजाल बन गया है.समाजवादी पार्टी की सबसे बड़ी ताक़त यादव वोटर रहे हैं. इस बिरादरी के लोग प्रमोशन में आरक्षण के सबसे बड़े विरोधी रहे हैं. लेकिन अब तो अखिलेश यादव अगला लोकसभा चुनाव मायावती के साथ मिल कर लड़ने को बेताब हैं.
योगी सरकार के इस कदम से पाकिस्तान और बांग्लादेश को होगा सीधा फायदा
गठबंधन के लिए उन्होंने दो चार क़दम पीछे हटने का भी एलान कर रखा है. अब ऐसे हालात में वे मायावती को नाराज़ करने का ख़तरा मोल नहीं ले सकते हैं. यादव वोट बैंक बना रहे और बीएसपी का साथ भी इसके लिए अखिलेश यादव ने सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे के फ़ार्मूले पर तरीक़ा ढूंढ़ निकाला. तय हुआ कि प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की नीति जलेबी जैसी होगी जिससे किसी को कुछ समझ न आए.
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद कोर कमेटी के साथ मीटिंग के बाद अखिलेश यादव दो पन्नों का एक नोट जारी कर दिया. इस गाइडलाइन में 11 बातें बताई गई हैं. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता, नेता और सारे पैनलिस्ट प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर गोलमोल जवाब देंगे. जवाब के सिर्फ़ बीजेपी पर हमला किया जायेगा. लखनऊ में समाजवादी पार्टी के ऑफ़िस से कई नेताओं को ये गाइडलाइन ईमेल भी कर दिया गया है...
इस गाइडलाइन की कुछ ख़ास बातें ...
• बीजेपी बड़े अहंकार से कहती रहती है कि 19 राज्यों में उसकी सरकार है • बीजेपी का दावा है कि वो SC-ST वर्ग की हितैषी है, इस समाज की शुभचिंतक है • आज वक्त आ गया है कि जब केंद्र में बीजेपी की सरकार आबादी के हिसाब से लोगों से न्याय करे • सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण का अधिकार राज्य सरकारों पर छोड़ा है • संघ का चरित्र मूल रूप से एससीएसटी विरोधी है, जो दुनिया भर में जगज़ाहिर है