लखनऊ: अखिलेश यादव इस बार कन्नौज से लोक सभा का चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने जब ये एलान किया तब पत्नी डिम्पल यादव उनके बगल में बैठी थीं. डिंपल यादव अभी कन्नौज से एमपी हैं. पिछले साल ही अखिलेश ने डिंपल को चुनावी राजनीति से दूर रखने का फ़ैसला लिया था. ये बात उन दिनों की है जब राहुल गांधी ने विदेश में राजनीति में परिवारवादी को लेकर बयान दिया था.


कांग्रेस अध्यक्ष ने इस दौरान अखिलेश के परिवारवाद का नाम लिया था. अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी से चुनाव लड़ने का एलान किया. वे अभी आज़मगढ़ से सांसद हैं. पिछली बार वे दो लोकसभा सीटों आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव लड़े थे. दोनों पर वे जीते लेकिन बाद में मैनपुरी की सीट छोड़ दी. फिर हुए उपचुनाव में मुलायम के भतीजे के बेटे तेज प्रताप यादव चुनाव जीत गए. वे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के दामाद भी हैं.



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अखिलेश यादव ने लखनऊ में कन्नौज के पार्टी नेताओं की मीटिंग बुलाई थी

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में कन्नौज के पार्टी नेताओं की मीटिंग बुलाई थी. जिसमें अगले लोक सभा चुनाव की तैयारी को लेकर चर्चा हुई. पिछ्ला लोक सभा चुनाव कांटे की टक्कर पर छूटा था. समाजवादी पार्टी की डिम्पल यादव बीजेपी के सुब्रत त्रिपाठी को बड़ी मुश्किल से 20 हज़ार वोटों से ही हरा पाई थीं. इस से पहले अखिलेश यादव ही यहां से लोक सभा का सांसद बनते रहे . वे लगातार तीन बार चुनाव जीते. 2000, 2004 और 2009 का लोक सभा चुनाव वे भारी मतों से जीते.

अखिलेश ने कहा- बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए वे तैयार हैं
2012 में उत्तर प्रदेश का सीएम बनने के बाद उन्होंने ये सीट छोड़ दी थी. इसके बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी डिम्पल जीत गयीं. कन्नौज के पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अखिलेश ने कहा, " बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए वे तैयार हैं. वे आज कल संपर्क से समर्थन मांग रहे हैं तो हम भी अब सच्चाई से समर्थन मांगेंगे".



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यूपी में बिहार की तरह महागठबंधन बनाने में जुटे अखिलेश यादव
अखिलेश यादव बीजेपी से मुकाबले के लिए यूपी में बिहार की तरह महागठबंधन बनाने में जुटे हैं. बीएसपी से सीटों के तालमेल पर अभी बात चीत शुरू नहीं हुई है. लेकिन इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोक दल भी शामिल रहेगा. कांग्रेस को लेकर सस्पेंस बरकरार है. अखिलेश यादव ने आज से हर लोकसभा सीट की समीक्षा बैठक शुरू कर दी है. हर दिन अलग अलग लोकसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता बुलाए जाएंगे. अखिलेश ने बताया कि बारिश के मौसम में ज़िलों में जा-जा कर मीटिंग करना संभव नहीं है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. पिछली बार बीएसपी अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी. जबकि समाजवादी पार्टी के हिस्से पांच सीटें आई थीं.