नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का निष्कासन वापस लेने के समाजवादी पार्टी के फैसले का मजाक उड़ाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि वह भले ही पार्टी में लौट आए हैं लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में नहीं लौट पायेंगे क्योंकि उनका पांच साल का रिपोर्ट कार्ड विफलताओं से भरा है.
लोगों का मन नहीं जीत पायेंगे मुलायम और अखिलेश
पार्टी ने कहा कि एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव चाहे जो भी प्रयास या नौटंकी कर लें लेकिन वे लोगों का मन नहीं जीत पायेंगे. मतदाताओं ने राज्य के विकास के लिए बीजेपी को 15 साल के अंतराल के बाद सत्ता में पहुंचाने के लिए उसे वोट देने का मन बना लिया है.
भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा
बीजेपी सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की अपनी पार्टी में वापसी हो सकती है, जिसने उन्हें निष्कासित किया, लेकिन उनकी सत्ता में वापसी नहीं हो सकती क्योंकि उनकी सरकार का रिपोर्ट कार्ड विफलताओं से भरा है. उनकी सराकर ने न केवल भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दिया बल्कि आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया.’’
पार्टी से बर्खास्त कर दिए गए थे अखिलेश और रामगोपाल
विभाजन की संभावनाओं, जिससे एसपी सुप्रीमो का प्रभाव काफी घट जाता, से जूझ रहे मुलायम सिंह यादव ने आज अखिलेश और उनके चाचा रामगोपाल का निष्कासन वापस ले लिया. कल ही दोनों अनुशासनहीनता को लेकर पार्टी से बर्खास्त कर दिए गए थे.
यूपी में बीजेपी के पक्ष में सुनामी
शर्मा ने जवाहर बाग हिंसा और बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार कांड जैसी घटनाओं का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि लोग अखिलेश के शासन को एसपी सरकार की स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचों पर विफलताओं के अलावा ऐसी घटनाओं के लिए याद करते हैं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के पक्ष में सुनामी है.