लखनऊ: इस वक़्त पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है, आदर्श चुनाव आचार संहित लागू हो चुकी है. जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें यूपी, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा शामिल हैं. इन सभी पांच राज्यों के चुनाव में सबसे ज्यादा अहमियत यूपी के विधानसभा चुनाव को दी जा रही है, जहां सात चरणों में चुनाव होने वाले हैं और इसकी शुरुआत 11 फरवरी से होने वाली है. जहां एक तरफ देश चुनावी माहौल में डूबा हुआ है वहीं एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा और इसे लेकर कई तरह से सवाल खड़े किए जा रहे हैं.


इस साल सरकार ने बजट पेश करने की तारीख एक फरवरी तय कर रखी थी और चुनाव आयोग ने इसी बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान कर दिया. जिसके बाद राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया और बजट की तारीख का विरोध होने लगा. जिसके बाद यह मामला चुनाव आयोग की चौखट तक पहुंच गया और विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वे सरकार को बजट की तारीख बढ़ाने का आदेश दे. लेकिन चुनाव आयोग ने मांग को खारिज करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वे एक फरवरी को आम बजट पेश करें, लेकिन किसी भी तरह का लोकलुभावन वादों से परहेज करें, ताकि चुनाव पर इसका असर ना पड़े.


इसी बीच यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर सरकार चुनाव से पहले आम बजट पेश करेगी तो इसका असर यूपी की जनता पर पड़ सकता है क्योंकि सरकार एक सीमा के भीतर रहकर ही बजट पेश कर पाएगी. इसको लेकर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को एक ताजा चिट्ठी लिखी है.


अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को लिखा, ''आगामी बजट में चुनाव आचार संहिता से प्रभावित 5 राज्यों के हित में कोई विशेष योजना घोषित नहीं की जाए. ऐसे में यह प्रबल संभावना बन गयी है कि उत्तर प्रदेश राज्य, जिसमें कि देश की सबसे बड़ी जनसंख्या निवास करती है, को भारत सरकार के आगामी सामान्य/ रेल बजट में कोई विशेष लाभ/ योजना प्राप्त नहीं हो सकेगी, जिसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव उत्तर प्रदेश के विकास कार्यों और यहां के 20 करोड़ निवासियों के हितों पर पड़ेगा.''



हालांकि सरकार ने आम बजट पेश करने का पूरा मन बना लिया है और अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार का बजट कैसा होता है.