अखिलेश का 'किस्मत एक्सप्रेसवे'
लखनऊ: आचार संहिता लगने से पहले अखिलेश यादव सब कुछ निपटा लेना चाहते हैं. इरादा ऐसा कि कहीं कुछ छूट ना जाए. जिस दिन पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी में और राहुल गांधी बहराईच में एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे होंगे. यूपी के सीएम अखिलेश यादव 22 दिसंबर को लखनऊ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे.
लखनऊ से बलिया तक के इस एक्सप्रेसवे की दूरी 343 किलोमीटर होगी. बाराबंकी, सुल्तानपुर, फैज़ाबाद, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और ग़ाज़ीपुर होते हुए ये एक्सप्रेसवे बलिया तक जाएगा. इस एक्सप्रेसवे पर 11000 करोड़ रुपये खर्च आया है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. किसानों से ज़मीन लेने का काम शुरू हो गया है. इसके बन जाने के बाद पूर्वांचल और दिल्ली की दूरी कम हो जाएगी.
अखिलेश यादव का एक्सप्रेसवे से ' किस्मत कनेक्शन ' रहा है. यमुना एक्सप्रेसवे की नींव तो मायावती ने रखी थी, लेकिन 2012 में हुए विधान सभा चुनाव से पहले ये तैयार नहीं हो पाया. फिर मुख्य मंत्री बनते ही अखिलेश ने बहन जी के ड्रीम प्रोजेक्ट का उदघाटन कर दिया. " डबल द स्पीड ट्रिपल द इकोनॉमी " ये बात अखिलेश कई मंचों से कह चुके हैं. जब भी किसी सड़क के शिलान्यास या फिर उदघाटन का मौक़ा होता है. वे ये बात दोहराना नहीं भूलते हैं.
लोक सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की करारी हार के तुरंत बाद अखिलेश यादव ने लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की नींव रखी. रिकॉर्ड समय में उनका ये ड्रीम प्रोजेक्ट भी पूरा हो गया. वो भी बिना किसी विवाद के. मिग और सुखोई लड़ाकू विमान उतार कर बड़े तामझाम से अखिलेश ने लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे का उदघाटन भी कर दिया. अब 23 दिसम्बर से ये आम लोगों के लिए ये खोल दिया जाएगा. अब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बहाने अखिलेश यादव फिर अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. उन्हें लगता है एक्सप्रेसवे उनके लिए लकी होते हैं. इसीलिए इसका शिलान्यास तो वे अभी कर रहे हैं, लेकिन इरादा और वादा चुनाव बाद सरकार बनाने पर उदघाटन करने का है.