अलीगढ़: अलीगढ़ जिले के टप्पल कस्बे में भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच सोमवार को शांति दिखी. उधर, खैर क्षेत्र में मध्यरात्रि तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इस बीच, टप्पल के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) पंकज श्रीवास्तव को तबादला कर दिया गया है.


पुलिस ने इन खबरों को गलत बताया कि टप्पल में असुरक्षित महसूस कर रहे मुस्लिम समुदाय के लोग पलायन कर रहे हैं. कुलहरि ने कहा कि कुछ लोग अस्थायी तौर पर जा सकते हैं लेकिन जल्द लौट आएंगे.


रविवार को हालात काबू करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. प्रदर्शनकारी प्रशासन से मांग कर रहे थे कि ढाई साल की बच्ची की हत्या के मामले में तत्काल न्याय मिले.


पुलिस ने दक्षिणपंथी समूहों द्वारा किये गये प्रदर्शन को किसी तरह नियंत्रित किया. ये लोग टप्पल में महापंचायत करना चाह रहे थे. बताया जाता है कि महापंचायत की सूचना किसी हिन्दूवादी समूह ने सोशल मीडिया पर दी थी.


आसपास के जिलों के लोग भी महापंचायत में शामिल होने का प्रयास कर रहे थे लेकिन पुलिस ने टप्पल कस्बे में प्रवेश के रास्तों पर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया.


जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने पूरे खैर तहसील क्षेत्र में सोमवार मध्यरात्रि तक इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया था. टप्पल कस्बा खैर तहसील में ही आता है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आकाश कुलहरि ने बताया कि हालात काबू में हैं. किसी को माहौल खराब करने का मौका नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का दुरूपयोग कर रहे कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी है.


टप्पल में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. आरोप है कि ढाई साल की बच्ची की हत्या के बाद कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और टिप्पणी डालकर अफवाह फैला रहे हैं.


क्या है पूरा मामला

अलीगढ़ के टप्पल इलाके में एक गरीब परिवार रहता है. बच्ची के पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. ढाई साल की बच्ची 30 मई को उस वक्त गायब हो गई जब वो घर के बाहर खेल रही थी. उसके पिता और बाकी लोगों ने उसकी तलाश की और बच्ची जब कहीं नहीं मिली तो परिवार के लोग पुलिस के पास पहुंचे.


पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया और बच्ची की तलाश शुरु कर दी. पुलिस और बच्ची के परिजन लगातार उसकी तलाश कर रहे थे. इस बीच 2 जून को उसकी लाश कूड़े के ढेर में मिली. कुत्ते उसकी लाश को नोच रहे थे. बच्ची का सीधा हाथ जानवर खा चुके थे.


वहां कूड़ा डालने पहुंचे किसी ने इस मंजर को देखा. जब ये जानकारी बच्ची के पिता को हुई तो वो भी वहां पहुंचे और अपनी बच्ची को पहचान लिया. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने वहां जाम लगा दिया और प्रदर्शन करने लगी.


पुलिस ने मुख्य आरोपियों जाहिद (27) के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उसे चार जून को गिरफ्तार किया गया. जाहिद की पत्नी शगुफ्ता (32) और भाई मेहंदी हसन को आठ जून को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा पुलिस ने असलम (43) को चार जून को गिरफ्तार किया था, जिसके खिलाफ 2014 और 2017 में पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. वह उत्तर प्रदेश सरकार के गुंडा अधिनियम के तहत आरोपों का भी सामना कर रहा है.