अलीगढ़: अलीगढ़ कांड पर देश उबल रहा है, लोग गुस्से में हैं, बच्ची के परिजन न्याय और हत्यारों के लिए सख्त सजा की मांग कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने एसआईटी बना दी है जो जांच करेगी. एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि पुलिस अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ेगी. मामला फास्टट्रैक कोर्ट में जाएगा और पीड़ितों को इंसाफ मिले इसके लिए पूरी कोशिश की जाएगी. वहीं सीएमओ ने कहा कि पोस्टमार्टम में रेप की पुष्टि नहीं हुई है.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट


अलीगढ़ के सीएमओ एमएल अग्रवाल ने कहा कि तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था जिसमें एक महिला डॉक्टर भी शामिल थीं. इस पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की गई थी. वैसे तो रेप की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन फिर भी एक अन्य जांच के लिए सैंपल पुलिस को दे दिया गया है.


उन्होंने बताया कि चूंकि करीब चार दिन बच्ची की लाश को छुपा कर रखा गया था इसलिए शरीर गल गया, डिकंपोज होने के कारण शरीर फूल गया और फटने लगा. इसी वजह से लगा होगा कि तेजाब डाला गया है लेकिन बच्ची के ऊपर तेजाब जैसी कोई बात रिपोर्ट में नहीं है.


आंख निकाल लिए जाने के सवाल पर सीएमओ ने कहा कि बच्ची की आखें नहीं निकाली गईं थीं. रिपोर्ट के मुताबिक आंख के सॉफ्ट टिशूज़ गायब हैं जो चार दिल तक लाश को छिपाने के कारण हुए हैं. आंख गायब नहीं है.


एसआईटी का गठन


इस मामले की जांच के लिए एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में एक स्पेशन इन्वेस्टीगेशन टीम का गठन किया गया है. फॉरेन्सिक साइन्स टीम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और अन्य एक्सपर्ट भी टीम में होंगे ताकि जांच जल्द से जल्द हो. इस मामले में आरोपियों पर पोस्को की धाराएं भी लगाई जाएंगी. एसएसपी ने बताया कि छह सदस्यों की टीम में एसपीआरए, सीओ खैर और चार विवेचक शामिल हैं जिनमें एक महिला निरीक्षक भी हैं.


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