कैराना:  उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर 28 मई को उपचुनाव है. कैराना में दलितों की नाराजगी बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती है, लेकिन बीजेपी ने इसका तोड़ निकालना शुरू कर दिया है. कैराना लोकसभा सीट 2014 में बीजेपी ने जीती थी और हुकुम सिंह सांसद बने थे. लेकिन इस साल उनका निधन हो गया.


कैराना में क्या है बीजेपी की रणनीति?

कल बीजेपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने कैराना में डेरा जमाकर रणनीति बनाई. कैराना के 145 सेक्टर और 19 मंडलों में जिम्मेदारी तय की गई है. इतना ही नहीं प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव बालियान समेत कई बड़े नेताओं को कैराना जिताने का जिम्मा सौंपा गया है.

सुनील बंसल ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने के मंत्र दिए हैं. वहीं, जीतने के प्लान में जातीय समीकरण के अलावा अनुभव का भी ध्यान रखा गया है.

स्थानीय लोगों का क्या कहना है?

कैराना में दलित बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. एबीपी न्यूज़ ने कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत भी की. स्थानीय लोगों का कहना है कि दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं इसलिए इस बार बीजेपी को वोट नहीं देंगे. वहीं एक अन्य निवासी ने कहा कि दलितों अपना वोट सिर्फ मायावती को देंगे. मायावती का वोट पक्का है.

बीजेपी ने हुकुम सिंह  की बेटी को बनाया उम्मीदवार

बीजेपी ने कैराना लोकसभा सीट पर हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाया है. विपक्ष में कौन उम्मीदवार होगा अभी ये साफ नहीं है. मृगांका सिंह को बीजेपी ने विधानसभा में भी अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह समाजवादी पार्टी के उम्मीदावर नाहिद हसन से हार गईं थीं.

मृगांका सिंह को विधानसभा में 77 हजार 668 वोट मिले थे. वहीं, नाहिद हसन को 98 हजार 830 वोट मिले थे. वहीं, साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हुकुम सिंह को उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत हासिल की थी.

क्यों चर्चा में रहा है कैराना?

कैराना हिंदुओं के कथित पलायन के मुद्दे को लेकर चर्चा में रहा है और इसकी गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी थी. विधानसभा चुनाव में हिंदुओं के पलायन को बीजेपी ने चुनावी मुद्दा बनाया था.

यूपी उपचुनाव में जीत के बाद बढ़ा विपक्ष का हौसला

मार्च में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने बीजेपी को हरा दिया था. चर्चा है कि यूपी की कैराना सीट पर भी विपक्ष वैसी ही मोर्चेबंदी की तैयारी कर रहा है. कैराना से हिंदुओं के पलायन को बड़ा मुद्दा बनाने वाली बीजेपी के लिए यहां होने वाला लोकसभा उपचुनाव काफी अहम होगा. 2014 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी को मिलाकर 33 फीसदी वोट मिले थे.

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