जिसे EVM चाहेगी वही जीतेगा- शिवसेना
वीडियो के वायरल होने के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार और बीजेपी पर सवाल उठाए हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि यूपी निकाय चुनाव में कई जगहों पर कोई भी बटन दबाने पर वोट बीजेपी को ही गया.
सामना में सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा गया है, ‘जब सीएम योगी ईवीएम स्पर्श कर मतदान कर बाहर आते है तब ऐसा दावा करते है जैसे भगवान के चरणस्पर्श आशीर्वाद लेकर लौटे हों और जनता को दावे के साथ कहते है, जितेगी तो बीजेपी ही.'' (यहां पढ़ें पूरी खबर)
कांग्रेस ने पूछे तीखे सवाल
वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा है, ‘ ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप बीजेपी पर ही क्यों लगते हैं?, क्यों शिकायत में ये आता है कि बटन दबाने पर वोट बीजेपी को ही जाता है? क्या इस बार भी आरोपों पर बीजेपी चुप्पी साधे रहेगी? कांग्रेस ने एक रिटायर्ड जज की निगरानी में ऐसे मामलों और ईवीएम की जांच कराने की मांग की है.
वायरल वीडियो
क्या है पूरा मामला?
दरअसल ये पूरा मामला मेरठ जिले का है. मेरठ के नगर निगम के चुनाव में एक मतदाता ने दावा किया था, ‘’बटन किसी का भी दबाओ वोट बीजेपी को जा रही है.’’ मतदाता का कहना है कि ये कोई गड़बड़ी है, जिसका समाधान नहीं किया जा रहा है और वोट डालने में परेशानी हो रही है.
मतदाता तस्लीम ने एबीपी न्यूज़ को बताया, ‘नगर निगम चुनाव में मेरठ के रशीद नगर इलाके में जे.के पब्लिक स्कूल में मैं सुबह अपनी मां के साथ वोट डालने पंहुचा था. जब मैंने हाथी के निशान के सामने वाला बटन दबाया तो लाइट कमल के निशान के आगे जली. बता दें कि हाथी का निशान बहुजन समाज पार्टी का है और कमल का निशान बीजेपी का है.
वायरल वीडियो के मुताबिक, हाथी के निशान के आगे बटन दबाने पर दो जगह लाइट जलती है. एक कमल के निशान के आगे और दूसरी नोटा के आगे.
जिलाधिकारी ने भी कहा, ‘दो जगह लाइट जल रही थी’
जब इस बारे में जिलाधिकारी समीर वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया, ‘’जिस मशीन की बात की जा रही है, उसमें कुल दो या तीन वोट डली होंगी तभी शिकायत मिली की एक जगह बटन दबाने पर दो अन्य जगह की लाइट जल रही थी. हालांकि उसे तुरंत ही बदलवा दिया गया था. अब इंजिनियर ही बता पाएंगे कि उसमें क्या फाल्ट था?’’
यूपी में विधानसभा चुनाव में भी लगे थे ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप
आपको बता दें कि इसी साल यूपी में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठे थे. बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि ईवीएम के साथ छेड़खानी की गई. छेड़खानी ऐसी कि बटन कोई भी दबाओ लेकिन पर्ची बीजेपी की निकलती है.
गुजरात चुनाव में पहली बार होगा वीवीपैट का इस्तेमाल
तमाम आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने पार्टियों को साबित करने को कहा कि कैसे छेड़छाड़ हो सकती है? लेकिन कोई भी पार्टी छेड़छाड का डेमो देने नहीं आई. इसी के बाद फैसला हुआ कि गुजरात चुनाव में वीवीपैट का इस्तेमाल होगा. मतलब ये है कि बटन दबाने पर एक पर्ची निकलेगी, जिससे पता चलेगा कि आपका वोट किसको गया है.