इलाहाबाद: अखाड़ों से जुड़े साधू-संतों की संस्था अखाड़ा परिषद ने इलाहाबाद में लगने जा रहे कुंभ मेले में फर्जी बाबाओं की इंट्री बैन किये जाने की मांग फिर से दोहराई है. अखाड़ा परिषद का कहना है कि फर्जी बाबाओं की लिस्ट सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर कुंभ मेला प्रशासन को सौंप दी गई है. ऐसे में यह सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है राधे मां से लेकर निर्मल बाबा और नित्यानंद से लेकर राम रहीम तक किसी को भी कुंभ मेले में संत की हैसियत से कोई भी सरकारी सुविधाएं न दी जाएं. वे लोग एक श्रद्धालु के तौर पर तो मेले में आ सकते हैं, लेकिन अगर संत की हैसियत से मेले में आएंगे तो अखाड़ा परिषद उनका विरोध करेगा.


गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद चार बार में बाबा राम रहीम, आसाराम बापू, निर्मल बाबा, राधे मां, असीमानंद, सचिन दत्ता, वीरेंद्र दीक्षित, नारायण साईं, भीमानंद, त्रिकाल भवंता, चक्रपाणि महाराज और प्रमोद कृष्णम समेत बीस लोगों को फर्जी घोषित कर चुका है.


अखाड़ा परिषद की अहम बैठक बृहस्पतिवार को इलाहाबाद के बाघम्बरी गद्दी मठ में हुई. इस मौके पर अखाड़ों में चल रहे स्थायी निर्माण को पूरा करने के लिए राज्य सरकार से सभी तेरह अखाड़ों के लिए एक-एक करोड़ की अतिरिक्त धनराशि दिए जाने की मांग की गई. इस बैठक में आम सहमति से नौ प्रस्ताव पास किए गए.


साधु संतों ने प्रशासन को अखाड़ों में चल रहे निर्माण कार्य को हर हाल में तीस अक्टूबर तक पूरा करने के डेट लाइन भी दी है. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि नवम्बर महीने से अखाड़ों में साधु संतों का आना शुरु हो जायेगा।. ऐसे में प्रशासन को तेजी दिखाते हुए अखाड़ों के साथ ही शहर में हो रहे निर्माण कार्यों को वक्त पर पूरा कराना चाहिए. बैठक में कुम्भ मेले के दौरान अखाड़ों की पेशवाई के मार्ग में आने वाले जर्जर भवनों को चिन्हित कर उन्हें ध्वस्त करने की भी मांग की गई. अखाड़ा परिषद की इस बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.