इलाहाबाद: इलाहाबाद में कुछ महीनों बाद लगने जा रहे कुंभ मेले के लिए संगम और उसके आस-पास के इलाकों में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को हटाया जा रहा है. इससे सैकड़ों परिवारों के बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है. पीड़ित झुग्गी झोपड़ी वालों ने आज इस मामले को लेकर संगम पर प्रदर्शन किया और केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. गंगा नदी के तट पर हुए इस प्रदर्शन के दौरान योगी सरकार पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाते हुए अपनी जगह किसी कीमत पर नहीं छोड़ने का एलान किया गया.
प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि अगर योगी सरकार ने अपनी ज़िद पर अड़ी रही और उसने उन्हें बेघर किया तो वह सब गंगा नदी में कूदकर अपनी जान दे देंगे. पीड़ित परिवारों ने इस मौके पर गंगा मइया से मोदी और योगी की सरकारों को सद्बुद्धि दिए जाने की प्रार्थना भी की. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि इस बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी कई साल पहले इन्हे हटाए नहीं जाने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार इनके पुनर्वास का इंतजाम किये बिना ही इन्हे हटाकर कोर्ट के आदेश की अवमानना भी कर रही है. प्रदर्शन में कांग्रेस के उत्तराखंड के प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह भी शामिल थे.
बता दें कि इलाहाबाद में तीन महीने बाद कुंभ का मेला लगना है, जिसमे दुनिया भर से तकरीबन पंद्रह करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. बाइस सेक्टरों में बसाए जाने वाले कुंभ मेले के लिए गंगा और यमुना नदियों के किनारे झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को हटाया जा रहा है.
प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए और उसके बाद ही हटाया जाए. हाईकोर्ट की वकील स्मृति कार्तिकेय और सामाजिक कार्यकर्ता अनुराधा का कहना है कि सरकार और मेला प्रशासन की इस मनमानी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका भी दाखिल की गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होने की उम्मीद है.