इलाहाबाद: इलाहाबाद के कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की पिस्टल का भी दीदार कर सकेंगे. श्रद्धालुओं और मेले के दौरान आने वाले पर्यटकों को भगत सिंह की पिस्टल दिखाकर उनमे देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी तरफ से पहल की है. इसके लिए सरकार ने शहीद भगत सिंह की पिस्टल को पंजाब में बीएसएफ के ट्रेनिंग सेंटर से लाकर इलाहाबाद के म्यूज़ियम में रखे जाने का फैसला किया है. यह पिस्टल म्यूजियम में स्थाई तौर पर रखी रहेगी.



आज़ाद गैलरी में कुर्बानी देने वाले दूसरे क्रांतिकारियों से जुड़े सामानों को भी रखा जाएगा


पिस्टल को म्यूज़ियम में तैयार की जा रही नई आज़ाद गैलरी में रखा जाएगा. यह गैलरी शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के नाम पर तैयार कराई जा रही है. गैलरी में आज़ाद और भगत सिंह के साथ ही आज़ादी की लड़ाई में कुर्बानी देने वाले दूसरे क्रांतिकारियों से जुड़े सामानों को रखा जाएगा.



भगत सिंह ने इसी पिस्टल से अंग्रेज अफसर सांडर्स को गोली मारी थी
भगत सिंह की पिस्टल पिछले काफी समय से पंजाब में बीएसएफ के ट्रेनिंग सेंटर में रखी हुई है. भगत सिंह ने इसी पिस्टल से अंग्रेज अफसर सांडर्स को गोली मारी थी. भगत सिंह की यह पिस्टल 8 अप्रैल 1929 को दिल्ली असेंबली हाल में बम फेंकने के दौरान पकड़े जाने पर बरामद हुई थी. यह पिस्टल अमेरिका में बनी है और 0.32 बोर की है. इस ऑटोमेटिक पिस्टल का बट नंबर 460- एम और बॉडी नंबर- 168896 है.


बंदूकों के माहिर रोबर्ट चर्चिल ने लाहौर आकर जज जीसी हिल्टन के सामने इस बात की तस्दीक की थी कि यह भगत सिंह की वही पिस्टल है, जिससे उन्होंने सांडर्स को गोली मारी थी. म्यूजियम के अफसरों की कोशिश है कि भगत सिंह की यह पिस्टल इलाहाबाद म्यूजियम में दिसम्बर महीने तक पहुंच जाए.



इलाहाबाद म्यूजियम में चंद्रशेखर आज़ाद की पिस्टल भी रखी हुई है
इलाहाबाद म्यूजियम में इससे पहले ही चंद्रशेखर आज़ाद की वह पिस्टल रखी हुई है, जिससे उन्होंने अंग्रेजों के साथ हुई मुठभेड़ में खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. इलाहाबाद के लोगों को भी भगत सिंह की पिस्टल का बेसब्री से इंतजार है. म्यूज़ियम के एक्टिंग डायरेक्टर ओंकार वानखेड़े और आज़ाद गैलरी के इंचार्ज डा. राजेश मिश्र के मुताबिक़ कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु भगत सिंह की इस पिस्टल को देखकर देश के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित होंगे.