इलाहाबाद: नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक शहर इलाहाबाद में जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल को विस्तार देने के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की मूर्ति हटाए जाने का मामला अब सियासी गलियारों में तेजी से तूल पकड़ने लगा है. इस मामले में कोहराम मचने के बाद इलाहाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी ने जहां अब नेहरू की क्रेन के जरिये जबरन हटाई गई मूर्ति नजदीक की ही दूसरी जगह पर शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है, वहीं उसने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल का विस्तार करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है.


कांग्रेस ने जहां आज फिर से योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इस मूर्ति के बहाने उस पर नेहरू-कांग्रेस की विचारधारा को ख़त्म करने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया, वहीं बैकफुट पर आई बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर बेवजह की राजनीति करने की बात कही है. नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक आवास आनंद भवन से महज सौ मीटर दूरी पर लगी नेहरू की मूर्ति को हटाए जाने के मामले में सरकारी अमले ने चुप्पी साध ली है और वह मीडिया में कोई भी औपचारिक बयान देने से बच रहे हैं.

गौरतलब है कि इलाहाबाद में कुछ महीनों बाद लगने वाले कुंभ मेले के लिए चौराहों और सड़कों के चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक आवास आनंद भवन से महज सौ मीटर दूरी पर स्थित बालसन चौराहे पर तीन महापुरुषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्तियां अलग-अलग पार्कों में लगी हुई थीं.



इस चौराहे के सौंदर्यीकरण का काम इलाहाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र एजेंसी यूएमटीसी के साथ मिलकर कर रहा है. योजना यह बनाई गई कि दीन दयाल उपाध्याय के मूर्तिस्थल पार्क को विस्तार देना है, इसीलिये पंडित नेहरू की मूर्ति को बीच चौराहे से हटाने का फैसला किया गया. इसी फैसले के तहत कल बृहस्पतिवार को पंडित नेहरू की मूर्ति को गंदे बोरे में लपेटकर उसे क्रेन के जरिए हटा दिया गया. मूर्ति हटाए जाने से पहले मजदूरों ने जूते चप्पल पहनकर वहां कई घंटे तक तोड़फोड़ की. इसका कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने विरोध भी किया था.

मामले ने सियासी रंग लेना शुरू किया तो आज सरकारी अमला हरकत में आ गया. अफसरों ने नेहरू की हटाई गई मूर्ति को पड़ोस में कुछ दूर पर ही खाली जगह पर स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है. मूर्ति पर लिपटे बोरे हटाकर उसे सफ़ेद कपडे से ढक दिया गया है. मूर्ति अब भी क्रेन से लटकाकर ही खड़ी की जा रही है, जबकि उस पर बांधी गईं रस्सियां भी खोल दी गई हैं. मूर्ति स्थापित करने के काम में तीन दिन का वक्त लगने की उम्मीद है. हालांकि शिफ्टिंग के दौरान भी जो मजदूर मूर्तिस्थल के चबूतरे पर काम रह रहे थे, वह सभी जूते -चप्पल पहने हुए थे.

मौके पर मौजूद अफसरों ने एतराज के बावजूद इस मसले पर मजदूरों को टोकने की जहमत नहीं उठाई. डेवलपमेंट अथॉरिटी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने भी आज दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल को बढ़ाए जाने की बात कबूल कर ली है. मूर्ति स्थल के विस्तार का काम भी आज शुरू कर दिया गया है. कांग्रेसियों का साफ़ आरोप है कि दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल को विस्तार देने और सेक्युलर विचारधारा को कमजोर करने के लिए ही नेहरू की मूर्ति को बेवजह हटाया गया है, इसलिए पार्टी इस मुद्दे पर आंदोलन करेगी.