इलाहाबाद: योगी सरकार अगले वर्ष लगने वाले प्रयाग कुंभ मेले की तैयारियों में जोरशोर से लगी हुई है. शासन और प्रशासन के इसके सफल आयोजन में व्यस्त होने के बीच उत्तर प्रदेश की जेलों में भी इसकी तैयारियां चल रही हैं. वैसे कुंभ मेला और जेल का कोई मेल नहीं है, लेकिन मेले में कैदियों के बने सामान की खूब बिक्री होती है जिसे देखते हुए विभिन्न जेलों में सामान का स्टॉक जमा किया जाने लगा है.


पिछली बार पवित्र स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं ने आगरा जेल के कैदियों का बनाया पेठा बहुत पसंद किया था. इस बार भी यह आकर्षण का मुख्य केन्द्र होगा. इसके अलावा, खिलौने, मंदिर, खड़ाऊ, लकड़ी की चौकी और हवन कुंड, गार्डेन अंब्रेला, दरी सहित बहुत तरह का रोजमर्रा और सजावट का सामान इस बार कुंभ मेले में बिक्री के लिए रखा जाएगा और इनसे प्राप्त होने वाली आय को सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाएगा.


नैनी केंद्रीय कारागार के डीआईजी बी.आर. वर्मा ने बताया, “हमने सभी जेलों को पत्र लिखकर स्टाक जमा करने को कहा है. उन्होंने काम शुरू कर दिया है. नैनी जेल से कुल 38 तरह के सामान कुंभ मेले में बिक्री के लिए पेश किए जाएंगे.”


वर्मा ने बताया कि पिछले (2013 के) कुंभ मेले में आगरा जेल का पेठा लोगों को खासा पसंद आया और करीब छह क्विंटल पेठा की बिक्री हुई थी, जबकि मांग इससे भी अधिक थी. इस बार कुंभ मेले में आगरा जेल से पेठा, बेल्ट, जूते आदि मंगाए गए हैं.


उन्होंने बताया कि बंदियों द्वारा तैयार उत्पादों की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है, जबकि मूल्य अपेक्षाकृत कम होते हैं. आगामी कुंभ में आजमगढ़ जेल से खिलौने मंगाए गए हैं, सीतापुर जेल से दरी मंगाई गई है और फतेहगढ़ जेल से गार्डेन अंब्रेला मंगाया गया है.


वर्मा ने बताया कि नैनी जेल में निर्मित मंदिर, खड़ाऊ, लकड़ी की चौकी और हवन कुंड, कुंभ मेले में हाथोंहाथ बिक जाते हैं. वाराणसी जेल के कैदियों द्वारा तैयार पीतल का घंटा, लोटा, थाली और गिलास की भारी मांग रहती है.


नैनी जेल के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नैनी जेल में कंबल फैक्टरी, सिलाई उद्योग, काष्ठ कला, लौह उद्योग़ साबुन उद्योग, फिनायल उद्योग, हथकरघा उद्योग में 1000-1200 कैदी काम करते हैं.


वहीं वर्मा ने बताया कि जिस तरह से सरकार आगामी कुंभ को अद्भुत बनाने की तैयारी कर रही है, उसे देखते हुए हमें इस कुंभ मेले में सामान की कहीं अधिक बिक्री होने की उम्मीद है.


वर्मा ने बताया कि कैदियों द्वारा निर्मित सामान की बिक्री से प्राप्त आय सरकारी खजाने में जमा कर दी जाती है. इस बार के मेले में दो तीन तरह की चाय तैयार करने वाली मशीनें भी लगाई जाएंगी.