इलाहाबाद: पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोप में पिछले काफी दिनों से जेल में बंद समाजवादी पार्टी के पूर्व बाहुबली नेता अमनमणि त्रिपाठी को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने अमनमणि की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें सशर्त रिहा किये जाने के आदेश दिए हैं. अमनमणि को सीबीआई की चार्जशीट में सीधे तौर पर कोई गवाह न होने और ठोस सबूत न होने के आधार पर जमानत मिली है.


जमानत से पहले सीबीआई कोर्ट में जमा करना होगा पासपोर्ट 


जमानत से पहले सीबीआई कोर्ट में उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और साथ ही हर तारीख पर कोर्ट में पेश होकर अपनी हाजिरी देनी होगी. हालांकि अदालत में सीबीआई और मृतक सारा की माँ सीमा सिंह दोनों ही तरफ से अमनमणि को जमानत दिए जाने का विरोध किया गया, लेकिन मामले की सुनवाई कर रही सिंगल बेंच ने सीधे तौर पर कोई सबूत या गवाह न होने की वजह से उनके एतराज को नजरअंदाज कर दिया और अमनमणि को जमानत दे दी. अमनमणि यूपी के महराजगंज जिले की नौतनवा सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ रहा है. हाईकोर्ट से ही मिली दो दिनों की पैरोल की वजह से ही वह नामांकन कर सका था.


2013 में लखनऊ की सारा सिंह के साथ हुई थी अमनमणि की शादी


गौरतलब है कि लखनऊ की कवियत्री मधुमिता शुक्ल की हत्या में दोषी करार दिए गए यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि के बेटे अमनमणि की शादी साल 2013 में लखनऊ की सारा सिंह के साथ हुई थी. नौ जुलाई साल 2015 को अमनमणि के साथ लांग ड्राइव पर जाते वक्त सारा की मौत सड़क हादसे में हो गई थी.


सारा की मौत के बाद उनके परिवार वालों ने इसे हादसे के बजाय क़त्ल बताते हुए पति अमनमणि पर ही आरोप लगाए थे. सारा की रहस्यमयी मौत की जांच बाद में सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई थी. सीबीआई ने अमनमणि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की थी. जमानत मिलने के बाद अमनमणि के वकीलों ने कहा कि अब सारा मर्डर केस में एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अलग से अर्जी दाखिल करेंगे.