इलाहाबाद: योगीराज में भी यूपी में अभी तक बिल्डरों पर शिकंजा कसने वाला क़ानून रियल स्टेट रेग्युलेटरी अथारिटी यानी रेरा अस्तित्व में नहीं आ सका है. इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराज़गी जताई है और यूपी सरकार को अगले छह हफ्ते के अंदर रेरा के गठन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं.
कानून पारित होने के महीनों बाद भी यूपी में अथारिटी का गठन नहीं होने पर अदालत ने पिछली सुनवाई में भी नाराजगी जताते हुए सूबे के न्याय विभाग और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिवों को बुधवार को कोर्ट में तलब किया था.
कुम्भ 2019 में अच्छे व्यवहार के पुलिसवालों को दी जाएगी खास ट्रेनिंग
दोनों अफसरों ने कुछ तकनीकी दिक्कतें बताते हुए सरकार की तरफ से इकतीस जुलाई तक का वक्त मांगा. अदालत ने सरकार की यह मांग नामंजूर कर दी और सिर्फ छह हफ्ते में हर हाल में रेरा के गठन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है.
अथॉरिटी के साथ ही अपीलीय अधिकरण यानी ट्रिब्यूनल का भी गठन किया जाना है. अथारिटी का गठन न होने से यूपी में रियल स्टेट के क्षेत्र में अब भी सरकारी नियंत्रण स्थापित नहीं हो पा रहा है. अदालत इस मामले में अब पंद्रह जुलाई को फिर से सुनवाई करेगी.
दो लाख रुपयों से भरा बैग छीन कर फरार हुए 'लुटेरे' बंदर, पुलिस भी नहीं पकड़ पाई
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने मेसर्स जयप्रकाश एसोसिएट की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है. याचिका पर अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव व अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार की तरफ से पक्ष रखा.
याची अधिवक्ता का कहना था कि एक साल के लिए अन्तरिम कमेटी का गठन करना था उसका भी पालन नहीं किया गया. नियमानुसार एक कमेटी अथारिटी का गठन करेगी और अपीलीय अधिकरण राज्य सरकार से परामर्श लेकर अथारिटी गठित करेगी.
मेरठ: नीदरलैंड की महारानी ने किया स्पोर्ट्स फैक्ट्री का दौरा, जीता सबका दिल
सरकार द्वारा अथारिटी के गठन न हो पाने के कारण रियल स्टेट क्षेत्र में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. सीधे तौर पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं होने से बिल्डरों की मनमानी पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है.
यूपी पर मंडरा रहा है आंधी-तूफान का खतरा, तेज बारिश के साथ पड़ सकते हैं ओले