इलाहाबाद: माफिया डॉन के तौर पर बदनाम समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद अतीक अहमद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद की शियाट्स एग्रीकल्चर डीम्ड यूनिवर्सिटी में टीचर्स-स्टाफ के साथ मारपीट करने और गुर्गो द्वारा सरेआम असलहा लहराए जाने के आरोप में 11 फरवरी से जेल में बंद अतीक की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.


इन दिनों यूपी की देवरिया जेल में बंद हैं अतीक अहमद


जस्टिस प्रत्यूष कुमार की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि अतीक जमानत मिलने के बाद फिर से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं, इसलिए उन्हें जमानत न हीं दी जा सकती है. कोर्ट ने इसी आधार पर अतीक की जमानत अर्जी खारिज कर दी हैं. अतीक अहमद इन दिनों यूपी की देवरिया जेल में बंद हैं. जमानत खारिज होने से जेल से बाहर आने की अतीक की उम्मीदों पर फिलहाल पानी फिर गया है.


आपको बता दें कि अतीक और उनके गुर्गों ने पिछले साल दिसंबर महीने में इलाहाबाद की शियाट्स एग्रीकल्चर डीम्ड यूनिवर्सिटी में घुसकर वहां के टीचर्स और कर्मचारियों से मारपीट की थी और सरेआम हथियार लहराए थे. इतना ही नहीं अतीक ने बाद में मुकदमा वापस लेने के लिए यूनिवर्सिटी के पीआरओ को फोन पर धमकियां भी दी थीं.


कई संगीन धाराओं में दर्ज किया गया था अतीक के खिलाफ केस


इस मामले में अतीक और उनके गुर्गों के खिलाफ इलाहाबाद के नैनी थाने में कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया था. अखिलेश यादव राज में जब अतीक को गिरफ्तार नहीं किया गया तो इस मामले में हाईकोर्ट को दखल देना पड़ा था. हाईकोर्ट के दखल पर अतीक को 11 फरवरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. बाद में यूपी में योगी की सरकार बनने पर अतीक को इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल से देवरिया जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे अतीक अहमद फूलपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद हैं.


राजू पाल मर्डर केस में जमानत खारिज करने की मांग पर फैसला सुरक्षित


इस बीच, न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की एक दूसरी एकल पीठ ने एक दशक पहले बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में अहमद को दी गई जमानत खारिज करने की मांग वाली एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. यह याचिका राजू पाल की पत्नी पूजा पाल द्वारा दायर की गई है. दो बार विधायक रही पूजा पाल का आरोप है कि जेल से बाहर रहते हुए अतीक अहमद ने हत्या के इस मामले में गवाहों को डराने की कोशिश की थी.


अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराकर इलाहाबाद पश्चिम सीट से जीते राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड से महज तीन महीने पहले ही वह चुनाव जीतकर विधायक बने थे. पूजा पाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल राजू पाल की हत्या की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था.