इलाहाबाद: वाराणसी संसदीय सीट से सांसद चुने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने वाराणसी सीट से पीएम मोदी का निर्वाचन रद्द कर वहां नये सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग वाली चुनावी अर्जी को खारिज कर दिया है.
ठोस सबूत और मजबूत आधार के अभाव में खारिज
पीएम मोदी के खिलाफ यह चुनावी अर्जी उनके खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले विधायक अजय राय ने दाखिल की थी. अदालत ने इस चुनावी अर्जी को ठोस सबूत और मजबूत आधार के अभाव में खारिज की है.
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसा लगता है कि याचिका आधे-अधूरे मन से हवाई तथ्यों के आधार पर दाखिल की गई थी.
PM ने नहीं दिया था पत्नी की संपत्ति का ब्योरा
कांग्रेस विधायक अजय राय ने अर्जी में आरोप लगाया था कि साल 2014 में वाराणसी सीट पर नामिनेशन के वक्त पीएम मोदी ने पत्नी का नाम तो लिखा था, लेकिन उनकी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया था. पत्नी की संपत्ति के ब्यौरे के कालम में उन्होंने 'नॉट नोन' यानी नहीं पता लिखा था.
अर्जी में यह भी आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने वाराणसी चुनाव में प्रचार के दौरान वोटरों को पैसे-गमछे, टोपी, साड़ी व अन्य सामान बांटकर उन्हें प्रभावित किया था और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया था.
24 नवम्बर को कर लिया था जजमेंट रिजर्व
पीएम मोदी की तरफ से अदालत में दलील दी गई कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और तथ्यहीन हैं, इसलिए इस चुनावी अर्जी को खारिज कर दिया जाए. जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने विधायक अजय राय की अर्जी की पोषणीयता यानी मेनटेनिबिलिटी पर सुनवाई पूरी होने के बाद 24 नवम्बर को जजमेंट रिजर्व कर लिया था.
अजय राय की अर्जी खारिज
इस मामले में पिछले तीन दिनों से ओपन कोर्ट में फैसला लिखाया जा रहा था. बुधवार को सुनाए गए फैसले में अदालत ने ठोस सबूतों और मजबूत तथ्यों के अभाव में अजय राय की इस अर्जी को खारिज कर दिया.
वास्तव में जानकारी नहीं
पीएम मोदी की तरफ से अदालत में दलील दी गई थी कि उन्होंने पत्नी की सम्पति के बारे में वास्तव में जानकारी नहीं होने की वजह से नहीं दिया. अर्जी में भी यह नहीं कहा गया कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया. अदालत ने अर्जी को चुनाव याचिका मानने से ही इनकार कर दिया और पोषणीयता के आधार पर ही उसे खारिज कर दिया.