प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान पर जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर कथित तौर पर करोड़ों रुपये की संपत्ति का घोटाला करने के मामले में राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल कर जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है.


इससे पूर्व कोर्ट ने 22 जनवरी को सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था. याचिका में आज़म खान के खिलाफ सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की गई थी. बुधवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने मौखिक रूप से की गयी कार्रवाई का ब्यौरा देना शुरू किया. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से अब तक की गयी कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है. कोर्ट ने इसे हलफनामे के रूप में 15 दिन में दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका पर 15 दिन के बाद सुनवाई होगी.


मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विश्वनाथ सोमद्दर और न्यायमूर्ति वाई.के.श्रीवास्तव की पीठ ने की. रामपुर के फैसल खान लाला ने आजम खां पर जौहर अली विश्वविद्यालय और जौहर ट्रस्ट बनाकर करोड़ों रुपये की सम्पत्ति का घोटाला करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है. याची के अधिवक्ता का दावा था कि आजम खां ने जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनायी है जिसमें विभिन्न विभागों की लगभग 88 करोड़ रुपये की सार्वजनिक सम्पत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया.


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