इलाहाबाद: मथुरा के जवाहरबाग में पिछले साल हुई हिंसा के मामले में यूपी की अखिलेश यादव सरकार को आज बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच यूपी विधानसभा चुनाव तक टाले जाने की अखिलेश सरकार की दलील को फिलहाल ठुकरा दिया है.
डेटूडे बेसिस पर चल रही थी सुनवाई
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने चौबीस जनवरी को फिर से मामले की सुनवाई करने का फैसला किया है. पिछले कई दिनों से हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई डेटूडे बेसिस पर चल रही थी. बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय और हिंसा में शहीद हुए मुकुल द्विवेदी समेत आठ लोगों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर जवाहरबाग प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है.
अदालत में इसके अलावा हिंसा के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव की मौत की तस्दीक किये जाने पर भी सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बाद यूपी सरकार ने कुछ दिन पहले ही रामवृक्ष यादव के बेटे को गिरफ्तार कर उसका डीएनए सैंपल लिया है.
यूपी विधानसभा चुनावों पर असर डाल सकता है फैसला
चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के एडवोकेट जनरल ने आज इस मामले की सुनवाई यूपी चुनाव तक टाले जाने की अपील की. यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले का फैसला यूपी विधानसभा चुनावों पर असर डाल सकता है, इसलिए इसकी सुनवाई चुनाव तक टाल दी जाए. अदालत ने यूपी सरकार की इस अपील को ठुकरा दिया और मामले की सुनवाई चौबीस जनवरी को किये जाने का फैसला सुनाया.