इलाहाबाद: यूपी में आए दिन होने वाले तबादलों से परेशान थाना प्रभारियों के लिए एक राहत भरी खबर है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेष परिस्थितियों को छोड़कर थानेदारों के दो साल से पहले होने वाले तबादलों को गलत माना है और यूपी सरकार को ऐसा नहीं करने की सख्त हिदायत दी है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही दिए गए आदेश का पालन नहीं होने पर गहरी नाराज़गी जताई है और यूपी सरकार से जवाब तलब कर लिया है. अदालत ने दो साल की मियाद पूरी होने से पहले ही थाने से ट्रांसफर किए गए बिजनौर जिले के हल्दौर थाने के इंचार्ज शिव कुमार गौर को हटाए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है और इस बारे में यूपी पुलिस के एडीजी इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड व बिजनौर के एसपी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है. अदालत ने इन सभी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए छह हफ्ते की मोहलत दी है.
हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक़ अदालत का अंतिम फैसला आने तक हल्दौर थाने के इंचार्ज शिव कुमार गौर अपने पद पर बने रहेंगे और उन्हें हटाया नहीं जा सकेगा. यह आदेश जस्टिस शिव कुमार मिश्र ने बिजनौर के हल्दौर थाने के इंचार्ज शिव कुमार की अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया है. याचिकाकर्ता पिछले साल सोलह सितंबर को हल्दौर थाने के इंचार्ज के तौर पर तैनात हुआ था, लेकिन बिना किसी ठोस वजह से उसे इस साल 11 मार्च को हटा दिया गया था.
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह केस में विभागीय जांच होने, भ्रष्टाचार में शामिल होने या खराब आचरण की वजह से क़ानून व्यवस्था प्रभावित होने की बात छोड़कर दो साल से पहले थानेदारों को हटाने पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यूपी में थाना प्रभारियों को अब भी कुछ ही महीनो में बदल दिया जाता है.