इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज जस्टिस सुधीर अग्रवाल और वकीलों के बीच का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने जहां हाईकोर्ट बार के पदाधिकारियों पर धमकाने का आरोप लगाते हुए चीफ जस्टिस से इस मामले की सुनवाई सात सीनियर जजेज की लार्जर बेंच से कराने और आरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की अपील की है. तो वहीं वकीलों ने जज को इलाहाबाद हाईकोर्ट से हटाकर उन्हें यूपी से बाहर ट्रांसफर किये जाने की मांग को लेकर 25 जुलाई को भी हड़ताल पर रहने का एलान किया है. इतना ही नहीं वकील मंगलवार को दोपहर में हाईकोर्ट के बाहर सड़क पर आम सभा करने के बाद प्रदर्शन भी करेंगे.
21 जुलाई से हड़ताल पर हैं हाईकोर्ट के वकील
वकीलों की हड़ताल के चलते आज सोमवार को भी हाईकोर्ट में कोई न्यायिक काम नहीं हुआ और अदालतों में सन्नाटा पसरा रहा. हड़ताल के चलते यूपी के कोने-कोने से आए वादकारियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दूसरी तरफ चीफ जस्टिस ने इस विवाद को सुलझाने के लिए छह सीनियर जजेज की एक कमेटी बनाकर उसे वकीलों से बात करने और माहौल सामान्य करने का जिम्मा सौंपा है. हाईकोर्ट के वकील इस मुद्दे को लेकर 21 जुलाई से हड़ताल पर हैं.
जस्टिस सुधीर अग्रवाल के खिलाफ शिकायत
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कुछ वकीलों ने हाईकोर्ट में अपनी संस्था बार एसोसिएशन में जस्टिस सुधीर अग्रवाल के खिलाफ शिकायत की. आरोप लगाया कि जस्टिस अग्रवाल उन्हें बेवजह डांटते हैं और मजाक उड़ाकर उनसे बदसलूकी करते हैं. बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस बारे में जस्टिस सुधीर अग्रवाल और चीफ जस्टिस डीबी भोंसले से बात करनी चाही, लेकिन दोनों से ही मुलाक़ात नहीं हो सकी. इससे खफा बार एसोसिएशन ने शुक्रवार इक्कीस जुलाई को हड़ताल कर दी और अदालतों को जबरन बंद करा दिया. वकीलों की हड़ताल तभी से लगातार जारी है.
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
दूसरी तरफ जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने चीफ जस्टिस समेत सभी जजेज को एक चिट्ठी भेजकर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर कोर्ट में आकर धमकाने का आरोप लगाते हुए इस मामले में सात जजेज की लार्जर बेंच में सुनवाई कराने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कराने की मांग की है. जस्टिस सुधीर अग्रवाल उन तीन जजेज में शामिल हैं, जिन्होंने साल 2010 में अयोध्या विवाद का फैसला सुनाया था. इस फैसले से जुड़े होने की वजह से उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है.