लखनऊ: एंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा उत्पीडन रोकने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने आज पुलिस को निर्देश दिया कि लडकियों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के नाम पर कोई अमानवीय कार्रवाई ना की जाए.
'एंटी रोमियो स्क्वॉड ना करें कोई अमानवीय कार्रवाई'
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘बाल नहीं मुड़वाया जाना चाहिए, चेहरा काला ना किया जाए और मुर्गा ना बनाया जाए, ऐसे निर्देश दिये गये हैं.’’ ऐंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा उत्पीड़न की खबरों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद उक्त दिशानिर्देश जारी किये गये. आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस महीने बीजेपी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाये गये.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कल उत्तर प्रदेश सरकार को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि एंटी रोमियो स्क्वॉड दिशा-निर्देशों का पालन करें और कानून के तहत कार्रवाई करें. कोर्ट की लखनउ पीठ ने एक जनहित याचिका पर उक्त निर्देश दिये.
एंटी रोमियो अभियान के दौरान दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही पुलिस
न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की पीठ के समक्ष सुनवायी के लिए आयी याचिका में आरोप लगाया गया था कि पुलिस एंटी रोमियो अभियान के दौरान दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही है और इसके नाम पर युवा जोडों को परेशान कर रही है.
अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वयं जिलों के प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे महिला सुरक्षा के लिए किये जा रहे कार्यों की नियमित समीक्षा करें और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दें.
एंटी रोमियो स्क्वॉड के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश
टेलीविजन चैनलों के विजुअल में एंटी रोमियो स्क्वॉड द्वारा कुछ जगहों पर युवा जोडों को तंग करते दिखाया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव (गृह) से कहा कि वह एंटी रोमियो स्क्वॉड के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश बनायें और सुनिश्चित करें कि किसी युवा जोड़े को अनावश्यक रूप से परेशान ना किया जाए. बीजेपी ने एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने का वायदा विधानसभा चुनाव से पहले जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में किया था.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कालेज या अन्य सार्वजनिक जगहों पर घूम रहे किसी लड़के या लड़कों के समूह से पूछताछ करना ही मकसद है ताकि शोहदों में भय व्याप्त हो. उन्होंने कहा कि एकमात्र प्रयास यही है कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो और छेड़खानी की घटना ना होने पाये.