इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीआरपीएफ के 148 बटालियन साहूपुरी चंदौली में तैनात कमांडेंट वेदप्रकाश त्रिपाठी का सुकमा, छत्तीसगढ़ तबादला करने के आदेश पर रोक लगा दी है. याची इससे पहले याची चरारे शरीफ, बड़गाम, कश्मीर घाटी से चंदौली ट्रांसफर होकर आया था.


सुकमा भेजने के आदेश को याची ने दी चुनौती


तबादला नीति के खिलाफ सुकमा भेजने के आदेश को याची ने चुनौती दी है. कोर्ट ने इस मामले में भारत सरकार से छह हफ्ते में जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी तथा न्यायमूर्ति एस के अग्रवाल की खण्डपीठ ने कमांडेंट वेदप्रकाश त्रिपाठी की याचिका पर दिया है.


तबादला नीति का कड़ाई से पालन करने का निर्देश


याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल भूषण और भारत सरकार के अपर सालीसिटर जनरल अशोक मेहता और सीनियर पैनल अधिवक्ता एस के राय ने पक्ष रखा. याची का कहना है कि सीआरपीएफ निदेशालय से 24 नवम्बर 14 को तबादला नीति जारी करते हुए उसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है.


तबादला आदेश में कोई कारण स्पष्ट नहीं


पॉलिसी के तहत एक स्थान पर कम से कम तीन साल की तैनाती के बाद ही तबादला किया जाए. याची की तैनाती को दो साल भी नहीं हुए हैं. कोर्ट ने कहा कि तबादला आदेश में कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है. 20 मई 2017 को याची का सुकमा तबादला कर दिया गया.