लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों की समस्या पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया कि इस समस्या से निपटने के लिए वह क्या उपाय कर रही है.


अदालत ने सीतापुर की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए ये जवाब तलब किया है. अदालत का मानना है कि यह समस्या केवल सीतापुर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य की है.


न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की पीठ ने एक स्थानीय वकील की जनहित याचिका पर ये निर्देश दिया. सरकार को अदालत के सामने इस मामले में जवाब देने के लिए एक माह का समय दिया गया है. सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई तय की गई है.


योगी खुद जाएंगे सीतापुर
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सीतापुर जा रहे हैं. कुत्तों के आतंक को लेकर वे लोकल अफ़सरों के साथ मीटिंग करेंगे. पीड़ित परिवारों से मिलेंगे. जिनके बच्चों की कुत्तों ने हत्या कर दी है. कर्नाटक से चुनाव प्रचार कर लौटते ही योगी ने ये फ़ैसला किया.


कुत्ते क्यों हुए हिंसक
आख़िर कुत्ते सीतापुर के बच्चों को क्यों अपना निशाना बना रहे हैं? जितने मुँह उतनी बातें. कुछ लोगों का कहना है कि इसकी वजह बूचडखानों का बंद होना है. अवैध बूचडखाने बंद होने से कुत्ते अब बच्चों को मारने लगे हैं. कुछ लोग बताते हैं कि ये आदमखोर कुत्ते बाहर से आए हैं.


बच्चों ने स्कूल जाना तक छोड़ा
वन विभाग की टीम इस चक्कर में कई कुत्तों को मार चुकी है लेकिन कुत्तों का आतंक बना हुआ है. सीतापुर के कुत्ते अब किसी रहस्य या फिर यूं कह लें कि एक अबूझ पहेली बन चुके हैं. बच्चों ने डर के मारे स्कूल जाना छोड़ दिया है.