इलाहाबाद: यूपी के फतेहपुर में साल 2011 को हावड़ा कालका मेल ट्रेन हादसे में रेलवे द्वारा की गई कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संतोष जताया है, हालांकि कोर्ट ने रेलवे को इस बात की साफ़ हिदायत दी है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए और पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिए.


हादसे में हुई थी 80 मुसाफिरों की मौत


अदालत ने कहा है कि रेलवे को ऐसे सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए जिससे ट्रेन हादसे न हों या फिर जानमाल का कम से कम नुकसान हो. कालका मेल हादसे में 80 मुसाफिरों की मौत हुई थी, जबकि 200 से ज़्यादा यात्री ज़ख़्मी हुए थे.


10 जुलाई 2011 को हुआ था यह हादसा


रेलवे की तरफ से अदालत में बताया गया था कि इस हादसे की जांच लखनऊ डिवीजन के चीफ सेफ्टी कमिश्नर ने की थी. उन्होंने 25 अप्रैल 2012 को जो रिपोर्ट सौंपी, उस आधार पर ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई और साथ ही रेलवे की तरफ से हादसों को रोकने के इंतजाम भी किये जा रहे हैं. फतेहपुर के मलांवा में यह हादसा 10 जुलाई 2011 को हुआ था.


हाईकोर्ट ने तलब कर ली थी जांच रिपोर्ट


इलाहाबाद हाईकोर्ट की वकील भारती कश्यप ने इस मामले में ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग को लेकर हादसे के बाद ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी. इस पीआईएल पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट तलब कर ली थी.


हादसों को रोकने के लिए किए जाएं और पुख्ता इंतजाम


चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने बृहस्पतिवार को इस पीआईएल को निस्तारित कर दिया. अदालत ने रेलवे की कार्रवाई पर संतोष जताया, लेकिन साथ ही उसे नसीहत दी कि ऐसे हादसों को रोकने के और पुख्ता इंतजाम किये जाएं.