इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के नामित सदस्य प्रदीप कुमार बजाज को हटाने के आदेश को रद्द कर दिया है और राज्य सरकार को नये सिरे से नियमानुसार कार्यवाही करने की छूट दी है.
प्रदीप कुमार बजाज की याचिका
कोर्ट ने कहा है कि कार्यवाही में याची सहयोग करें और उसे तीन माह में पूरी की जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खण्डपीठ ने प्रदीप कुमार बजाज की याचिका को निर्णीत करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अमित सक्सेना और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी और मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता राम गोपाल त्रिपाठी ने पक्ष रखा.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि याची को जिन आधारों पर कारण बताओ नोटिस दी गयी, उन आधारों के अतिरिक्त एकपक्षीय रिपोर्ट के आधार पर सदस्यता समाप्त करने का आदेश दे दिया गया. लगाये गये आरोपों पर सफाई और सुनवाई का मौका नहीं दिया गया.
क़ानून के खिलाफ है यह आदेश: कोर्ट
कोर्ट ने कहा यह आदेश क़ानून के खिलाफ है. याची को वित्तीय अनियमितता को लेकर कायम आपराधिक मामले सहित अन्य आरोपों की जांच कर प्रमुख सचिव धर्मार्थ न्यास ने हटा दिया था. याची राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्य है.
फर्जी हस्ताक्षर और आर्थिक गबन के आरोप में याची को कारण बताओ नोटिस दी गयी और जांच कर अन्य आरोपों पर ट्रस्टी सदस्यता समाप्त करने का आदेश दिया गया. जिसकी वैधता को यह कहते हुए चुनौती दी गयी कि याची को बिना सुने एकपक्षीय रिपोर्ट पर हटाया गया है जो नियम के खिलाफ है.