लखनऊ: शराब पीकर झगड़ा करने वाले फिर से जज बनेंगे. ये फ़ैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट का है. चार साल पहले 15 ट्रेनी जजों ने शराब पीकर मारपीट कर ली थी. इस घटना के बाद हाई कोर्ट ने 14 सितंबर 2014 को इन सबको नौकरी से बर्खास्त कर दिया था. इस कड़े फैसले से सब सन्न रह गए थे. बाद में बर्खास्त जज कोर्ट चले गए.


क्या यूपी में मदरसों के बच्चों के ड्रेस कोड बदलेंगे? राज्य मंत्री रिजवी के उलट कैबिनेट मंत्री ने किया खारिज


हाईकोर्ट से नौकरी में वापस लेने की गुहार लगाई. तीन सालों तक चली बहस के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई. लखनऊ के जस्टिस सत्येन्द्र सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार की बेंच ने कहा कि ट्रेनी जजों ने झगड़ा कोर्ट के बाहर किया था. इसीलिए पहली ग़लती मान कर सबको बहाल कर लिया जाए.


ट्रेनी जजों के मारपीट का मामला चार साल पहले का है. 15 लोगों में 2013 में पीसीएस जे की परीक्षा पास की थी. इन्हें अलग अलग जिलों में जूनियर सिविल जज बनाया गया. इसके बाद जूडियशल ट्रेनिंग इन्स्टिटयूट लखनऊ में इन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. 2014 में इन सबकी ट्रेनिंग ख़त्म हो गई.



वाराणसी कैंट स्टेशन पर लोगों को स्वच्छता का संदेश देने उतरे कार्टून कैरैक्टर 'टॉम एंड जेरी'


कोर्स ख़त्म होने पर फ़ैज़ाबाद रोड पर चरण क्लब में सबने पार्टी की . शराब पीने के बाद किसी बात पर ट्रेनिंग जजों में झगड़ा हो गया. मारपीट तक हो गई. जब इस बात की जानकारी ऊपर तक पहुंची तो सभी ट्रेनिंग जज बर्खास्त कर दिए गए थे.