इलाहाबाद: पश्चिमी यूपी की सहारनपुर जेल में बंद भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर उर्फ़ रावण को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है. चंद्रशेखर ने अपने खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए अवधि तीन महीने बढ़ाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जो अर्जी दाखिल की थी, अदालत ने उसे आज खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि चंद्रशेखर उर्फ़ रावण के खिलाफ एनएसए के तहत जो कार्यवाही की गई है, उसमे कुछ भी गलत नहीं है. इसके अलावा अपराध की गंभीरता को देखते हुए भी चंद्रशेखर को किसी तरह की राहत नहीं दी जा सकती.
अदालत के फैसले के मुताबिक एनएसए की पूरी कार्रवाई नियमों के मुताबिक है और उसमें ऐसी कोई गलती नहीं है, जिसके आधार पर उसे रद्द करने का आदेश दिया जा सके. हाईकोर्ट के इस फैसले से भीम आर्मी के मुखिया को बड़ा झटका लगा है. चंद्रशेखर को कुछ दिन और जेल में रहना होगा.
चंद्रशेखर की अर्जी पर सुनवाई जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस डीके सिंह की डिवीजन बेंच में हुई. बता दें कि पिछले साल पांच मई को महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर सहारनपुर में दलितों और राजपूतों में जातीय संघर्ष हुआ था. इस हिंसा में आगजनी और फायरिंग तक हुई थी. हिंसा भड़काने का आरोप भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर उर्फ़ रावण पर लगा था. सहारनपुर में हुए बवाल में चंद्रशेखर रावण के खिलाफ गंभीर धाराओं में आठ मुकदमे दर्ज किये गए थे. वह इस समय सहारनपुर की जिला जेल में बंद है.
चंद्रशेखर को सहारनपुर की जिला अदालत से एक और इलाहाबाद हाईकोर्ट से चार मुकदमों में जमानत मिल चुकी है. पिछले साल दो नवम्बर को सहारनपुर के डीएम ने भीम आर्मी मुखिया के खिलाफ एनएसए के तहत भी कार्रवाई का आदेश दिया था. एनएसए के तहत हुई कार्रवाई को ही हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में चुनौती दी गई थी. अदालत ने इस मामले में 27 अप्रैल को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.