इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के बेटे चिराग उपाध्याय पर जानलेवा हमले के मामले में नामजद किये गए समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक देवेंद्र अग्रवाल को अब तक गिरफ्तार नहीं किये जाने पर एक बार फिर से नाराज़गी जाहिर की है और यूपी पुलिस को उनके खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
पीड़ितों और घायलों के बयान दर्ज करने का निर्देश
अदालत ने इस मामले में एक युवक की मौत के बावजूद पुलिस की विवेचना के तरीके पर कड़ी नाराजगी जताई है और कोर्ट में पेश हुए विवेचनाधिकारी को कल शुक्रवार को दस बजे हाथरस के मानिकपुर गांव जाकर पीड़ितों और घायलों के बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यूपी सरकार व विवेचनाधिकारी से इक्कीस मार्च प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
कोर्ट ने कहा है कि मोबाइल फोन काल डिटेल के आधार पर आरोपी विधायक देवेन्द्र अग्रवाल सहित नामजद आरोपियों को पुलिस बचाने की कोशिश न करे. कोर्ट ने हत्या में नामजद सपा विधायक देवेंद्र अग्रवाल समेत सभी आरोपियों को फ़ौरन गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
कॉल डिटेल रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी पुलिस
यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने घटना में मारे गए पुष्पेंद्र के पिता रामहरि शर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है. अपर महाधिवक्ता इमरानुल्ला खां ने कोर्ट को बताया कि विवेचना की निगरानी एसपी क्राइम अलीगढ़ द्वारा की जा रही है. योग्य पुलिस इंस्पेक्टर को विवेचना में लगाया गया है. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी कि घायलों का बयान न दर्ज कर पुलिस कॉल डिटेल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. लगता है कि पुलिस हत्यारे को पकड़ने के बजाए उन्हें क्लीन चिट देने की विवेचना में जुटी है.
SP विधायक देवेन्द्र अग्रवाल के खिलाफ दर्ज कराई थी FIR
घटना में मारे गये युवक पुष्पेन्द्र के पिता रामहरि शर्मा द्वारा दाखिल की गयी है. अर्जी में कहा गया है कि आठ फरवरी को हाथरस में पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के पुत्र चिरागवीर उपाध्याय चुनाव प्रचार कर रहे थे. उनकी गाड़ी को बीस-पचीस असलहाधारियों ने घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग की. इस घटना में चिराग के साथ मौजूद पुष्पेन्द्र शर्मा की मृत्यु हो गयी. चार-पांच लोगों को चोटें भी आईं.
याची ने सपा विधायक देवेन्द्र अग्रवाल और ग्यारह अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जांच में पन्द्रह और लोगों का नाम सामने आया. इसके बाद विवेचना अलीगढ़ क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई. याची का कहना था कि पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है. सत्ता पक्ष के विधायक को पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है.