इलाहाबाद: अपने बेटे-बहू पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने और मकान से बेदखल किए जाने की मांग को लेकर कानपुर के एक बुजुर्ग दंपत्ति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है.


बुजुर्ग माता-पिता के अर्जी पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए कानपुर के डीएम को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने और उनकी शिकायत की जांच कराकर उस पर पंद्रह दिनों में कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया है.


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अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि डीएम को इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर मॉनीटर करना होगा और अपने ही मकान से बेदखल किए गए बुजुर्ग दंपत्ति को इंसाफ दिलाना होगा. अदालत के फैसले के मुताबिक़ बेटे-बहू से खतरे के मद्देनजर उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे तो साथ ही मकान पर कब्जा न मिलने तक उनके रहने का इंतजाम किया जाए.


यह आदेश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की डिवीजन बेंच ने गौतम बिहार कालोनी शिवली रोड कानपुर नगर के निवासी रघुवीर सिंह व सावित्री देवी की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है. याचिका पर अधिवक्ता असीम कुमार राय ने बहस की.


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याचीगण का कहना है कि उसके साथ बेटा सत्यवीर सिंह व बहू सुनीता सिंह भी निवास कर रहे हैं. वे दोनों याचियों की देखभाल नहीं कर रहे हैं और परेशान करते हैं. बेटे बहू ने कुछ दिन पहले उन्हें मकान से बेदखल कर उस पर कब्जा भी कर लिया है. याचिका में बहू-बेटे से घर खाली कराने की मांग की गयी है.


याची ने मेंटीनेंस एण्ड वेलफेयर आफ पैरेंट एण्ड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के तहत बहू-बेटे को अपने मकान से बेदखल व अपनी सुरक्षा की मांग में कानपुर के डीएम को प्रत्यावेदन दिया है, जिस पर कोई कार्यवाही न किए जाने पर यह याचिका दाखिल की गयी है. इस पर कोर्ट ने डीएम को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है.