इलाहाबाद: इलाहाबाद में नवरात्र के मौके पर दुर्गापूजा पंडाल में फ़िल्मी अंदाज़ में की गई कमेटी के संयोजक की सनसनीखेज हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में सीसीटीवी में नजर आ रहे चारों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई तीनों पिस्टल के साथ ही पांच देसी बम और एक मोटर साइकिल भी बरामद की है. पुलिस के मुताबिक़ दुर्गापूजा कमेटी के संयोजक की हत्या जेल में हुए विवाद में अंजाम दी गई थी. मौत के घाट उतारा गया दुर्गापूजा कमेटी का संयोजक नीरज वाल्मीकि कुछ दिनों पहले तक जेल में बंद था. जेल में ही उसका विवाद इलाहाबाद के शातिर अपराधी सनाउल्ला उर्फ़ रानू से हुआ था. दबंग किस्म के नीरज वाल्मीकि ने जेल में सनाउल्ला उर्फ़ रानू की सबके सामने पिटाई कर दी थी.
पुलिस अफसरों के मुताबिक़ सनाउल्ला ने जेल में पिटाई के बाद ही इस अपमान का बदला लेने का फैसला ले लिया था. करीब महीने भर पहले जेल से छूटने के बाद ही उसने नीरज को जान से मारने की तैयारी शुरू कर दी थी. नवरात्र की सप्तमी पर सनाउल्ला अपने दोस्त विकास तिवारी, संजय यादव और सोनू भारतीय के साथ मिलकर शहर के कैंट इलाके के उस दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचा, नीरज वाल्मीकि जहां का संयोजक था. नीरज पर इन चारों ने दुर्गापूजा पंडाल में ही जमकर फायरिंग की और उस पर बम भी फेंके थे. हमले में सनाउल्ला उर्फ़ रानू खुद भी घायल हो गया था.
फ़िल्मी अंदाज़ में अंजाम दी गई यह पूरी वारदात दुर्गा पूजा पंडाल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. सीसीटीवी में सभी बदमाशों के चेहरे साफ़ नजर आ रहे थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से ही बदमाशों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया. मौत के घाट उतारा गया नीरज वाल्मीकि खुद भी हिस्ट्रीशीटर था, लेकिन यूपी सरकार के द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने के दिन ही हुए हुए इस चर्चित मर्डर केस ने क़ानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए थे.