इलाहाबाद: योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यूपी में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अवैध बूचड़खानों पर बीजेपी सरकार की कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्यभर में बूचड़खाने सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन करें. सिंह ने इस संबंध में कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आलोचना भी की.


''मीट की कमी के चलते चिड़ियाघरों में मांसाहारी जानवर परेशान''


स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, ‘‘हमें अखिलेश यादव की यह शिकायत सुनकर हंसी आती है कि मीट की कमी के चलते उत्तर प्रदेश के चिड़ियाघरों में मांसाहारी जानवर परेशान हैं. उन्हें राज्य के लोगों को यह बताना चाहिए कि वह बूचड़खानों को सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप बनाने में विफल क्यों रहे.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ये दिशानिर्देश 2014 में जारी किए गए थे. समाजवादी पार्टी पिछले महीने ही सत्ता से बाहर हुई है. राज्यभर में चल रहे बूचड़खानों को दुरस्त करने के लिए उनके पास तीन साल का समय था. उस समय, इस मामले में हमारे लिए अपनी उर्जा खपाने का कोई कारण नहीं था. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. इसलिए यह जिम्मेदारी हमारे कंधों पर आ गई.’’


खुदरा मीट विक्रेता प्रभावित नहीं


इस कार्रवाई से मीट उद्योग में लगे लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित होने संबंधी सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘बूचड़खानों को उसी क्षण कारोबार दोबारा शुरू करने की अनुमति होगी जब वे अपने परिचालन में आवश्यक सुधार लाकर और अपशिष्ट निपटान व्यवस्था कर उचित लाइसेंस प्राप्त कर लेंगे. इसके अलावा, खुदरा मीट विक्रेता प्रभावित नहीं हुए हैं. यह मैं अपने अनुभवों से कह सकता हूं क्योंकि मेरे विधानसभा क्षेत्र (इलाहाबाद पश्चिम) में मीट की कई दुकानें हैं.’’


एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती एसपी सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे आजम खान प्रथम दृष्टया प्रतीत होते हैं कि उन्होंने वक्फ बोर्ड की संपत्ति की बिक्री में अनियमितताएं की हैं. ऐसा लगता है कि उन्होंने औनी-पौनी कीमतों में वक्फ की जमीन बेचने की सहूलियतें दीं. इसके बदले कुछ लिए बगैर उन्होंने ऐसा नहीं किया होगा. इस मामले में गहन जांच की जा रही है और न्याय किया जाएगा.’’


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलती हैं एंबुलेंस


स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा से ‘समाजवादी’ शब्द हटाने के बारे में कहा, ‘‘ये एंबुलेंस राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलती हैं और इसके लिए कोष पूरी तरह से केन्द्र द्वारा उपलब्ध कराया जाता है. इस तरह का नाम देने का काम पूर्ववर्ती एसपी सरकार की ओर से किया गया राजनीतिक दाव-पेंच था.’’


तीन सप्ताह पहले स्वास्थ्य मंत्री का पद संभालने के बाद अपनी नीतिगत पहल के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘हमने सभी थोक खरीदारी केन्द्रीयकृत ई-निविदा के जरिये करने का निर्णय किया है जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और हमें बेहतर कीमत के लिए मोलभाव करने में मदद मिलेगी. हम पूरे राज्य में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.’’