इलाहाबाद यूनिवर्सिटीः रैगिंग में दरिंदगी की हद पार, छात्र के कपड़े फाड़े, यौन शोषण किया और गर्म चाकुओं से दागा
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का हिन्दू हॉस्टल बीए सेकेंड इयर के स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व है, लेकिन यहां के कई कमरों पर दूसरे छात्रों ने अवैध रूप से कब्ज़ा जमा रखा है. कई बाहरी लोग भी सीनियर छात्रों के साथ कमरों में आते -जाते रहते हैं.
प्रयागराज: पूरब का आक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रैगिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां हॉस्टल में रैगिंग का विरोध करने पर बीए सेकेंड इयर के एक छात्र का यौन शोषण किया गया और उसे चाकुओं से गर्म कर जलाया गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआोर दर्ज करा दी है. पुलिस अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. आरोपी छात्र हॉस्टल में अवैध रूप से रह रहे थे. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले को आधार बनाकर पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है.
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का हिन्दू हॉस्टल बीए सेकेंड इयर के स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व है, लेकिन यहां के कई कमरों पर दूसरे छात्रों ने अवैध रूप से कब्ज़ा जमा रखा है. कई बाहरी लोग भी सीनियर छात्रों के साथ कमरों में आते -जाते रहते हैं. बीए सेकेंड इयर के एक छात्र का आरोप है कि हॉस्टल के कमरों पर कब्ज़ा जमाने वाले छात्र उसे व कई दूसरे लोगों के साथ अक्सर रैगिंग किया करते थे. उनसे गाना सुनते थे और कपड़े उतरवाकर अश्लील हरकतें करते थे. हाल के दिनों में दो बार पुलिस हॉस्टल में आई तो उन्हें शक हुआ कि उक्त छात्र ने रैगिंग की शिकायत पुलिस में कर दी है. इक्कीस दिसम्बर की रात को सीनियर्स उसके कमरे में आए और मारपीट की. उसके कपडे फाड़कर उसका यौन शोषण किया गया और विरोध करने पर चाकू को गर्म कर उसे कई जगह जला दिया गया. सदमे में वह दो दिन कमरे से नहीं निकला तो साथियों ने उसका दरवाजा खुलवाया.
सोमवार रात को हॉस्टल के बाकी छात्र उक्त छात्र को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास ले गए. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को बुलाकर दो लोगों के खिलाफ नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. देर रात पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है. यूनिवर्सिटी प्रशासन अब इस बात की पड़ताल करने में जुटा हुआ है कि रैगिंग के आरोपी छात्र हिन्दू हॉस्टल में किस तरह अवैध तरीके से रह रहे थे. यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रोफ़ेसर राम सेवक दुबे का कहना है कि पुलिस -प्रशासन से कई बार हॉस्टल्स में रह रहे अवैध लोगों को निकालने की सिफारिश की गई, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. इसी वजह से आए दिन आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. आरोपी छात्र मीडिया के सामने आने को तैयार नहीं है.
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