इलाहाबाद: पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को अपने सहयोगी संगठन विश्व हिन्दू परिषद की नाराज़गी का सामना करना पड़ सकता है. वीएचपी का मानना है कि केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के अपने वायदे को भूल गई है. मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अब तक कोई ठोस पहल नहीं किये जाने से वीएचपी का संगठन बीजेपी से नाराज़ है.
यूपी चुनाव में नजरअंदाज किए गए हिंदूवादी चेहरे
इलाहाबाद के माघ मेले में हुई वीएचपी के मार्गदर्शक मंडल की बैठक में बीजेपी के रवैये पर जमकर नाराज़गी जताई गई. इस बैठक में मौजूद वीएचपी से जुड़े साधू-संतों ने साफ़ तौर पर कहा कि मंदिर निर्माण समेत हिंदुत्व से जुड़े दूसरे मुद्दों पर उन्हें अब बीजेपी से कोई उम्मीद नहीं रह गई है और उन्हें अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. मार्गदर्शक मंडल की बैठक में हिंदूवादी चेहरों को यूपी चुनाव में नजरअंदाज किये जाने और उन्हें टिकट नहीं दिए जाने पर भी नाराज़गी जताई गई और साफ़ तौर पर कहा गया कि बीजेपी को अपने रवैये की वजह से विधानसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
विधानसभा चुनावों पर ख़ास तौर पर चर्चा
बैठक में बुधवार को माघ मेले में ही होने वाले संत सम्मेलन के लिए एजेंडे भी तय किये गए. इनमे से राम मंदिर निर्माण समेत मठ मंदिरों का अधिग्रहण, गंगा प्रदूषण, गोहत्या और धर्मांतरण तो रहेगा ही, साथ ही पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ख़ास तौर पर चर्चा की जा सकती है. संत सम्मेलन बुधवार को शाम चार बजे से माघ मेले में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के कैम्प में होगा, जिसमे कई मुद्दों पर चर्चा कर प्रस्ताव पास किये जाने हैं.
हिंदुत्व को भूलकर अब विकास की बात करने लगी है बीजेपी
वैसे मार्गदर्शक मंडल की बैठक में उठी बातों से यही संकेत मिल रहे हैं कि वीएचपी इन चुनावों में बीजेपी को बड़ा झटका देने की तैयारी में है. वीएचपी के लोगों का मानना है कि केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद बीजेपी हिंदुत्व को भूलकर अब विकास की बात करने लगी है, जो लोगों के साथ धोखे की तरह है.