इलाहाबाद: यूपी की योगी सरकार ने साफ़ किया है कि मुस्लिम महिलाओं के ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर वह सीधे तौर पर कोई दखल नहीं देंगी. सरकार सिर्फ ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सूबे की मुस्लिम महिलाओं से रायशुमारी कर उसके आंकड़े सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी. मुस्लिम महिलाओं की राय पर कोई भी फैसला सुप्रीम कोर्ट ही लेगी.


मुस्लिम महिलाओं की राय जानकर आंकड़े तैयार करने की ज़िम्मेदारी


सूबे की महिला कल्याण विभाग की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने इलाहाबाद में मीडिया से बात करते हुए बताया कि सीएम योगी ने उनके ही विभाग को मुस्लिम महिलाओं की राय जानकर आंकड़े तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी है.


कैबिनेट मंत्री के मुताबिक़ उनका विभाग तलाक पीड़ित महिलाओं के साथ ही आम मुस्लिम महिलाओं से भी ट्रिपल तलाक के बारे में उनकी राय जान रही है. महिलाओं के साथ ही उलेमाओं व दूसरे जानकारों से भी बातचीत कर यह जानने की कोशिश की जाएगी कि कहीं शरीयत की गलत व्याख्या तो नहीं की जा रही है.


ट्रिपल तलाक पर क्या चाहती हैं सूबे की मुस्लिम महिलाएं ?


रीता बहुगुणा जोशी के मुताबिक़ उनका विभाग जल्द ही आंकड़ों को तैयार कर उसे सीएम योगी के सामने रखेगा. इसके बाद इस आंकड़े को सुप्रीम कोर्ट में जल्द शुरू होने वाली सुनवाई के दौरान पेश किया जाएगा और अदालत को यह बताया जाएगा कि सूबे की मुस्लिम महिलाएं ट्रिपल तलाक पर क्या चाहती हैं.


रीता जोशी के मुताबिक़ बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में भी सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने की बात कही थी, न कि किसी धर्म के मामले में सीधे दखल देने की.