इलाहाबाद: पुरी दुनिया इस वक्त क्रिसमस के जश्न के में डूबी हुई है. लोग अपने-अपने अंदाज में एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं. दुनिया भर में क्रिसमस के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक शानदार रंग दिखा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में. जहां एक युवा कलाकार ने क्रिसमस के मौके पर अपने खास टैलेंट से दुनिया का सबसे बड़ा चर्च दिया.


दरअसल उत्तर प्रदेश के निशांत झा ताश के पत्ते से आए दिन कुछ न कुछ बनाकर लोगों को चौंकाते रहते हैं. इस बार क्रिसमस के मौके पर निशांत ने ताश के पत्तों से दुनिया का सबसे बड़ा चर्च बना डाला. निशांत ने चर्च की पिलर, गेट, दरवाजे छत सब कुछ ताश के पत्तों से बनाया.



निशांत इलाहाबाद के रहने वाले हैं. उन्होंने ताश के पत्तों से वेटिकन सिटी के ‘सेंट पीटर चर्च’ की आकृति बना डाली. निशांत ने ‘सेंट पीटर चर्च’ की आकृति ताश के आठ हजार पत्तों से बनाई है. उन्होंने ताश के इन पत्तों को आपस में जोड़ने के लिए न तो किसी सपोर्ट का इस्तेमाल किया है और न ही इन्हें चिपकाया है.


निशांत ने हूबहू वैसा ही चर्च ताश के पत्तों को जोड़कर बना दिया. साल 1626 में वेटिकन सिटी में बने ‘सेंट पीटर बेसलीका चर्च’ को दुनिया का सबसे बड़ा चर्च माना जाता है. क्रिसमस के मौके पर यहां भव्य मेला लगता है. प्रार्थना के लिए लाखों लोग यहां पहुंचते है.



निशांत ने ताश के पत्तों से बनी इस आकृति के ज़रिए दुनिया में शांति व अमन की कामना भी की है. क्रिसमस की इस आकृति को तैयार करने में निशांत को दस घंटे से ज़्यादा का वक्त लगा.  इस खास मेहनत को देखने लोग दूर-दूर से आ रहे हैं और निशांत की जमकर तारीफ कर रहे हैं.