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यूपी: BHU हॉस्टिल में लड़कियों से भेदभाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस को याचिका की जानकारी देते हुए जल्द सुनवाई की मांग भी की है. जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा है कि सिस्टम के तहत तय तारीख पर सुनवाई की जाएगी.
वाराणसी: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के बनारस हिंदू विश्विद्यालय के तहत आने वाले महिला महाविद्यालय हॉस्टल में लड़कियों के लिए भेदभाव भरे नियमों का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से लिए सहमति जता दी है. हालांकि, अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है.
याचिका के मुताबिक, लड़कियों पर रात 8 बजे बाहर न जाने और 10 बजे के बाद मोबाइल पर बात न करने जैसी कई पाबंदियां लगाई गई हैं. ये याचिका वकील प्रशांत भूषण ने कुछ छात्राओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है. भूषण ने कोर्ट को बताया है कि अगर कोई छात्रा किसी नियम का उल्लंघन करती है तो उसे हॉस्टल छोड़ने को कह दिया जाता है.
लड़कियों पर क्या-क्या पाबंदियां लगाई गई हैं-
- छात्राओं को रात आठ बजे के बाद हॉस्टल छोड़ने की इजाजत नहीं.
- रात में लाइब्रेरी जाने की इजाजत नहीं, जबकि छात्रों को रात 10 बजे तक इजाजत है.
- छात्राओं को हॉस्टल के कमरे में वाई-फाई लगाने की इजाज़त नहीं.
- छात्राएं अपने कमरे के बाहर सभ्य पोशाक में रहेंगी, जबकि छात्रों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion