नई दिल्ली: यूपी में चुनावी दंगल जारी है. 403 विधानसभा सीटों वाली यूपी के कुल सात चरणों में से चार चरण के चुनाव हो चुके हैं. लेकिन यूपी के दंगल में ये सवाल भी साल 2019 में प्रधानमंत्री कौन बनेगा.


आप पीएम की कुर्सी अदला-बदली कर लो: अखिलेश यादव


यूपी के चुनावी दंगल में सवाल ये है कि यूपी में किसकी सरकार बनेगी. लेकिन इसी चुनावी शोर में दो हजार उन्नीस में कौन बनेगा प्रधानमंत्री का सवाल भी गूंज रहा है. यूपी के सीएम अखिलेश यादव कुर्सी की अदला बदली की बात कर रहे हैं.


एक जनसभा को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, '' हम तो कहते हैं कि आप सबसे बड़े पद पर हो, इससे भी बड़ा कोई पद हो सकता है क्या? और बताइए किससे झगड़ा कर रहे हैं , हम से. लगता है उनका (पीएम मोदी) का दिल नहीं लग रहा है उस कुर्सी पर, हम तो कहते हैं कि कुर्सी की अदला-बदली कर लो...शायद आपका दिल लगने लगेगा.''


यूपी चुनाव: राहुल गांधी का BJP-RSS पर हमला, कहा- 'देश की आजादी में दोनों का कोई योगदान नहीं'


राहुल गांधी का क्या होगा?


हालांकि अखिलेश हल्के अंदाज में पीएम मोदी से कुर्सी की अदला बदली की बात कर रहे हैं. लेकिन उनका ये बयान भविष्य के लिए बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. सवाल ये है कि जब पीएम की कुर्सी पर अखिलेश और उनकी समाजवादी पार्टी की नजर है, तो फिर उनके दोस्त राहुल गांधी का क्या होगा?


यह भी पढ़ें: राहुल गांधी अभी मैच्योर नहीं, कृपया उन्हें और वक्त दीजिए: शीला दीक्षित 


मुलायम सिंह देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं: रेवती रमण सिंह (सपा नेता)


समाजवादी पार्टी के बड़े नेता रेवती रमण सिंह ने कहा, '' मुझे लगता है कि यह गठबंधन (कांग्रेस-सपा) 2019 लोकसभा के समय भी जारी रहेगा. मुलायम सिंह जी सिनियर नेता है और परिस्थितियां अगर अनुकूल रहीं तो मुलायम सिहं देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं. ''


यह भी पढ़ें: हार के डर से यूपी चुनाव अभियान में शामिल नहीं हो रही हैं सोनिया: वेंकैया नायडू


फिलहाल हमारा ध्यान यूपी चुनाव पर है: अखिलेश यादव


रेवती रमण सिंह मुलायम को देश का अगला पीएम बना रहे हैं लेकिन क्या यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी की साइकिल में हाथ लगाने वाले कांग्रेस को ये मंजूर होगा? साल 2019 में राहुल के पीएम बनने को लेकर अखिलेश से सवाल एबीपी न्यूज के कार्यक्रम घोषणा पत्र में भी पूछा गया था. लेकिन उस वक्त अखिलेश ने पत्ते नहीं खोले थे. अखिलेश ने कहा था, ''फिलहाल हमारे सामने 2017 का चुनाव है. उसके बाद देश को किस दिशा में ले जाना है उस पर बातचीत होगी.''


यह भी पढ़ें: यूपी चुनाव: SP-BSP पर बोले राजनाथ सिंह, 'साइकिल ‘खटारा’ हो चुकी और हाथी ‘बूढ़ा’ हो चला'


मजबूरी में हुआ कांग्रेस और सपा का गठबंधन : अखिलेश यादव


चुनाव के मैदान में अखिलेश और राहुल दोस्ती का गाना गा रहे हैं. लेकिन जिस तरह से लगातार बयान आ रहे हैं उससे नहीं लगता कि ये दोस्ती लंबी चलने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में अखिलेश ने कांग्रेस के गठबंधन को मजबूरी का गठबंधन भी बता दिया था और अब दिल की बात जुबां पर आ गई है.


यह भी पढ़ें: अमित शाह से बड़ा कसाब कोई नहीं हो सकता: मायावती