12 जुलाई को पटना में शाह-नीतीश साथ-साथ करेंगे नाश्ता और डिनर, क्या खत्म होगा झगड़ा
12 जुलाई को पटना आने के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सुबह का जलपान और रात्रिभोज करेंगे.
पटना: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना आने के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सुबह का नाश्ता और रात का खाना साथ खाएंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने बताया कि शाह 12 जुलाई को सुबह 10 बजे पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे जहाँ बिहार बीजेपी नेता उनकी अगवानी करेंगे.
राय ने बताया कि शाह के पटना पहुँचने के बाद वह स्टेट गेस्टहाउस जायेंगे जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वरिष्ठ नेताओं के साथ सुबह का नाश्ता करेंगे. उन्होंने बताया कि शाह 11.30 बजे से 12.30 बजे तक बापू सभागार में आयोजित पार्टी की सोशल मीडिया इकाई की बैठक में भाग लेंगे. फिर ज्ञान भवन में 12.45 बजे से 1.45 बजे दोपहर तक विस्तारकों की बैठक में भाग लेंगे और वहीं दोपहर का भोजन करेंगे.
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बीजेपी नेता ने बताया कि बीजेपी के राष्ट्र्रीय अध्यक्ष के साथ अपराहन 2.30 बजे से 3.30 बजे तक शक्ति केंद्र प्रभारियों की बैठक बापू सभागार में होगी जिसके बाद वे राजकीय अतिथिशाला में अपराहन 4.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक चुनाव (लोकसभा चुनाव) तैयारी समिति की बैठक में भाग लेंगे.
उन्होंने बताया कि दिन भर की व्यस्त गतिविधियों के बाद अमित शाह जी मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार जी के साथ रात का खाना खाएंगे. नित्यानंद ने बताया कि 13 जुलाई की सुबह अमित शाह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.
खटास के बीच मुलाकात
बिहार में बीत कुछ दिनों से जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे साफ है कि सूबे की सत्ताधारी गठबंधन में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. बिहार के विशेष राज्य का दर्जा हो या लोकसभा चुनाव को लेकर टिकट बंटवार का मुद्दा. दोनों पार्टियां की राहें अलग हैं और इसे लेकर बयानबाजी भी हो रही है. सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है. बदली परिस्थिति के बावजूद जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में रहना चाहता है तो बीजेपी उन्हें ऐसा मौका देना नहीं चाहती.
सवाल है कि सुबह का नाश्ता और रात का खाना साथ खाने से पार्टियों के बीच आई दूरियां कम होंगी और सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियोंं के बीच क्या कोई फॉर्मूला निकल सकता है. बीजेपी के साथ दिक्कत ये है कि न सिर्फ जेडीयू बल्कि दूसरे सहयोगी दल भी हैं, जो पहले से ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं.