गोरखपुरः पूर्व मंत्री स्‍व. जमुना निषाद के बेटे और लोहिया वाहिनी के राष्‍ट्रीय सचिव अमरेन्‍द्र निषाद ने भाजपा में जाने के संकेत दिए हैं. उन्‍होंने कहा कि सपा में लगातार उनकी उपेक्षा हो रही है. निषाद पार्टी के लोगों द्वारा उनके समाज के लोगों को गुमराह किया जा रहा है.


जबकि विधानसभा चुनाव में उन्‍होंने गोरखपुर उपचुनाव में सपा से सांसद बने प्रवीण निषाद को जिताने के लिए अहम रोल अदा किया था. उनके बयान पर निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद ने चुटकी लेते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि वे उनकी पार्टी से टिकट मांगेंगे, तो विचार किया जाएगा. हालांकि समाज के लोगों ने उन्‍हें अस्‍वीकार कर दिया है.


कुछ दिन पूर्व ही सपा में हाशिए पर आए लोहिया वाहिनी के राष्‍ट्रीय सचिव अमरेन्द्र निषाद के भाजपा में जाने के संकेत मिले थे. लेकिन, बुधवार को इस संकेत को और बल मिल गया. अमरेन्‍द्र निषाद ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि वे एक से दो दिन में स्थिति साफ कर देंगे.


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मंगलवार को अपनी मां और पिपराइच की पूर्व विधायक राजमती निषाद के साथ सर्किट हाउस में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से मुलाकात कर सत्‍ता के गलियारे में हलचल पैदा कर दी. उन्‍होंने ये तो नहीं कहा कि वे भाजपा में जा रहे हैं. लेकिन, उन्‍होंने भाजपा में जाने की बात को अस्‍वीकार भी नहीं किया.


अमरेन्‍द्र ने ये भी साफ किया कि वे निर्दल चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन, जिन लोगों द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है और उनके समाज के लोगों को बरगलाया जा रहा है, उन्हें जल्‍द ही जवाब देंगे. अमरेन्द्र ने कहा कि उनके पिता स्‍व. जमुना निषाद ने सपा और उनके समाज के लोगों के लिए बड़ा बलिदान दिया है. उनके योगदान को वे बेकार नहीं जाने देंगे.


पूर्व मंत्री स्‍व. जमुना निषाद ने साल 1999 के लोकसभा चुनाव में सपा के टिकट पर तत्‍कालीन सांसद रहे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को कड़ी टक्‍कर दी थी. हालांकि वे महज 7 हजार वोट से हार गए थे. बीते उपचुनाव में सपा के टिकट पर निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ला को 22.5 हजार वोटों से हराकर बड़ा उलटफेर किया था.


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उसके ठीक बाद निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्‍होंने कहा कि उनके समाज के लोग उनके साथ हैं. मौजूदा सरकार में विधायक रहते हुए भी एक बार सदन में आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया. अब समाज की बात कर रहे हैं.



जब उनसे ये सवाल किया गया कि वे उनके पुत्र और सपा से गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद के खिलाफ भाजपा से चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं, तो उन्‍होंने कहा कि हमने एक बार उप चुनाव में समाज के विश्‍वास को जीतकर दिखाया है. इस बार भी वे जनता के विश्‍वास पर खरे उतरेंगे.


माना जा रहा है कि सपा से टिकट पा चुके सिटिंग एमपी प्रवीण निषाद के खिलाफ भाजपा अमरेन्‍द्र निषाद को हथियार के रूप में इस्‍तेमाल कर सकती है. ऐसे में निषाद समाज के लोगों को दोनों में से एक को चुनना होगा.


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