अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर ना सिर्फ लोगों को काफी असुविधा हुई, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति भी पैदा हो गई है. सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने जिले में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है. साथ ही जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई है. वहीं, आज जिन्ना समर्थकों ने पत्रकारों भी अंदर बुलाकर पीट दिया, जिससे मामला और बिगड़ गया.
इंटरनेट सेवाओं पर कल रात 12 बजे तक रोक
जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने कहा है कि ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक और उपद्रवी तत्व झूठी अफवाहें और दुष्प्रचार फैलाने के लिये कई प्रकार के वीडियो, फोटो और संदेश इंटरनेट के जरिये आम जनता के बीच प्रसारित कर जिले की साम्प्रदायिक समरसता और शांति को भंग कर सकते हैं. लिहाजा जिले में सभी इंटरनेट सेवाओं पर कल रात 12 बजे तक के लिए रोक लगा दी गई है.
हिन्दू युवा वाहिनी ने की थी नारेबाजी
बता दें कि एएमयू के यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर लगाने से नाराज हिन्दू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने दो मई को परिसर में घुसकर नारेबाजी की थी. उन पर मारपीट और भड़काऊ नारेबाजी करने के आरोप हैं. एएमयू छात्र संघ ने हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की मांग की थी.
हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदर्शनकारियों की मांग कर रहा है एएमयू छात्र संघ
एएमयू छात्र संघ की तरफ से हंगामा करने के दौरान पुलिस ने बलप्रयोग किया. जिसमें एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी और छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष एम हुसैन जैदी समेत छह लोग घायल हो गए थे. तभी से स्थिति बिगड़ती चली गई. एएमयू के छात्रों कल से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने अगले दो दिनों तक परिसर में होने वाली सभी शैक्षणिक गतिविधियों का बहिष्कार जारी रखने का एलान किया है.
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनसे विश्वविद्यालय परिसर में बुधवार को हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं की तरफ से अराजकता फैलाये जाने के घटनाक्रम की फौरन उच्च स्तरीय जांच कराने की गुजारिश की है.
जिन्ना की तस्वीर हिन्दुत्व के कमजोर होने का नतीजा- बीजेपी विधायक
बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगे होने को ‘हिन्दुत्व’ के कमजोर होने का नतीजा करार दिया है. इसके साथ ही यह भी कहा कि इस विश्वविद्यालय में हिंदुओ का वर्चस्व नहीं है, इसलिये वहां अभी तक जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है.
मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य इस्तीफा दें- बीजेपी विधायक
सुरेंद्र सिंह ने जिन्ना को अच्छी शख्सियत बताने वाले उत्तर प्रदेश के काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग भी की. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर जिन्ना मौर्य के आदर्श हैं तो उन्हें योगी मंत्रिमंडल से तत्काल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिये. जिन्ना मौर्य की नजर में महापुरुष हो सकते हैं, किसी राष्ट्र भक्त की नजर में नहीं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था ?
योगी कैबिनेट में श्रम एंव समायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि आजादी में जिन्ना का भी योगदान था और महापुरूषों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन भी महापुरुषों का योगदान इस राष्ट्र के निर्माण में रहा है यदि उन पर कोई अंगुली उठाता है तो यह बहुत घटिया सोच है. बंटवारे से पहले जिन्ना ने भी इसी देश में योगदान किया था.
जिन्ना का सम्मान नहीं किया जा सकता- सीएम योगी
वहीं, इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिन्ना ने देश का बंटवारा कराया था. इसलिए भारत में जिन्ना को सम्मानित नहीं किया जा सकता है.योगी ने कहा कि जिन्ना भारत का प्रधानमंत्री बनना चाहते थे और यह ना हो सका तो उन्होंने पाकिस्तान की स्थापना करा दी. उन्होंने केवल भारत का बंटवारा कराया है.
हमारे पूर्वजों ने जिन्ना को आदर्श नहीं माना- मदनी
इस मामले पर प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा है कि जिन्ना को ‘हमारे पूर्वजों ने आदर्श नहीं माना था और द्विराष्ट्र के उनके सिद्धांत को ठुकरा दिया था और पाकिस्तान के संस्थापक को हम भी आदर्श नहीं मानते. जिन्ना को लेकर हमारी भी वही राय है जो हमारे बुजुर्गों की थी.’’
कहां से शुरु हुआ विवाद?
दरअसल यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर तारिक मंसूर को एक पत्र लिखा था. पत्र में बीजेपी सांसद ने उनसे पूछा था कि एएमयू में जिन्ना की तस्वीर लगाने की क्या मजबूरी बनी हुई है? वर्तमान में पकिस्तान की तरफ से गैर जरूरी हरकतें लगातार जारी हैं, ऐसे में जिन्ना की तस्वीर को यूनिवर्सिटी में लगाए रखना कितना तार्किक है? सांसद के इस पत्र के बाद से यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर हटाने पर बहस छिड़ी हुई है.
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