अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने मंगलवार को दो कश्मीरी छात्रों का निलंबन यह कहते हुए रद्द कर दिया कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी गैरकानूनी कार्यक्रम में उनके शामिल होने का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला है.
एएमयू प्रवक्ता सहाफे किदवई ने कहा कि एएमयू शोध छात्रों वसीम अयूब मलिक और अब्दुल हसीब मीर को विश्वविद्यालय की तीन सदस्यीय जांच कमेटी द्वारा दोषमुक्त किये जाने के बाद उनका निलंबन निरस्त कर दिया गया है. प्रो. किदवई ने कहा,"दोनों छात्रों के खिलाफ कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिले."
मलिक और मीर को मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी मन्नान बशीर वानी के लिए विश्वविद्यालय परिसर में कथित रूप से नमाजे जनाजा में शामिल होने का प्रयास करने के लिए निलंबित कर दिया गया था. इस नमाजे जनाजा को रोक दिया गया था.
(फाइल फोटो)
मालूम हो कि एएमयू के निष्कासित छात्र आतंकवादी मन्नान वानी की नमाज-ए-जनाजा को परिसर के अंदर पढ़ने की कोशिश के दौरान राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में गत 12 अक्तूबर को तीन कश्मीरी छात्रों वसीम मलिक, अब्दुल मीर तथा एक अज्ञात छात्र के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था.
इसके अलावा एएमयू प्रशासन ने नमाज ए जनाजा पढ़ने के लिए अवैध रूप से भीड़ इकट्ठा करने के मामले में विश्वविद्यालय के नौ छात्रों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.
हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मन्नान वानी को कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था. वह एएमयू में पीएचडी का छात्र था. पिछली जनवरी में उसने सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल के साथ अपनी तस्वीर डाली थी, जिसके बाद उसे विश्वविद्यालय से निकाल दिया गया था.