बेंगलुरू: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने आज एक अहम सुनवाई करते हुए एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर सुधाकर के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश देते हुए पुलिस के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा है और आठ हफ्तों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
दरअसल, डॉ. सुधाकर राव, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के नरसीपट्टनम क्षेत्रीय सरकारी हॉस्पिटल में बतौर एनेस्थियोलॉजिस्ट काम करते हैं. उन्होंने Covid 19 की चुनौतियों के बीच प्रोटेक्टिव गियर के अभाव की बात उठाकर और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में रहने वाले डॉक्टर के सुधाकर राव को सरकार की आलोचना करना इतना भारी पड़ा कि सुधाकर राव को पुलिस ने मेंटल हास्पिटल भेज दिया. जबकि उनका कहना है कि वह पूरी तरह से फिट है.
आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल महीने में सुधाकर राव ने आंध्र प्रदेश सरकार पर प्रोटेक्टिव गियर और पीपीई किट्स मुहैया न कराने का आरोप लगाया था. जिसके बाद उन्हें अनुशासनात्मक आधार पर निलंबित कर दिया गया था. कुछ दिन पहले उन पर बीच सड़क पर पुलिस द्वारा मारपीट का वीडियो भी सामने आया था. उनके शरीर के ऊपरी हिस्से पर कोई कपड़ा नहीं था. डॉक्टर सुधाकर के हाथ उनकी पीठ पर बंधे हुए थे और एक कॉन्स्टेबल उन्हें बुरी तरह से पीट रहा था. अब उन्हें मेंटल हॉस्पिटल भेज दिया गया है.
जगन मोहन रेड्डी सरकार द्वारा सस्पेंड करने और एक डॉक्टर के साथ किए गए दुराचार के खिलाफ टीडीपी ने सवाल भी उठाए थे या यह कहें कि डॉक्टर सुधाकर के नाम पर आंध्र के राजनीति जम कर देखी जा रही है. विपक्ष में बैठी तेलुगूदेशम पार्टी ने आरोप लगाया है कि सरकार डॉक्टर से बदला ले रही है क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल उठाए थे.
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आंध्र प्रदेश: सरकार की आलोचना करना इस डॉक्टर को पड़ा महंगा, भेजे गए मेंटल हॉस्पिटल