इलाहाबाद: विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांदे ने दावा किया कि आज राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी ताकतें हिंदू समाज की एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने की योजना पर काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में समरसता बढ़ाने के लिए संतों की अहम भूमिका हो सकती है. इसी के मद्देनजर आगामी प्रयाग कुंभ में 31 जनवरी और एक फरवरी को धर्म संसद का आयोजन होने जा रहा है जिसमें देशभर से सभी पंथ संप्रदायों के साधु संत आएंगे और हिंदू समाज के समक्ष आ रही चुनौतियों पर चर्चा करेंगे.
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के संबंध में उन्होंने कहा, “सारे साक्ष्य हिंदू समाज के पक्ष में है, इसलिए हमें उम्मीद है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरह ही सुप्रीम कोर्ट भी हिंदू समाज के पक्ष में फैसला देगा.”
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार से भी हमारी अपेक्षा है कि केंद्र अपने सामर्थ्य के अनुसार कानूनी पहल के सभी मार्गों पर चलते हुए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे.”
वहीं गोरक्षा के मामले में परांदे ने कहा, “संपूर्ण देश में गोरक्षा और गो संवर्धन कानून की दृष्टि से इतना आसान नहीं है. हमने केंद्र सरकार से बातचीत कर मांग की है कि अलग से गोरक्षा एवं गो संवर्धन मंत्रालय का गठन किया जाए.”
बांग्लादेशी घुसपैठियों के विषय को गंभीर बताते हुए परांदे ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें और मुस्लिम तुष्टीकरण में लगे दल इस विषय को उछाल कर दुष्प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से जो हिंदू प्रताड़ित होकर भारत आया है, उसे घुसपैठिया न माना जाए क्योंकि वह प्रताड़ित होकर आया है. सरकार को उसे हर तरह का सहयोग देकर आवश्यक हो तो भारत की नागरिकता देनी चाहिए.”
उन्होंने कहा, “वहीं बांग्लादेश से बड़ी संख्या में भारत आए मुसलमान प्रताड़ित होकर नहीं आए हैं. इसलिए उसे घुसपैठिया मानकर उसकी छानबीन कर उसे देश से बाहर निकालना चाहिए. पिछले मानसून सत्र के दौरान विहिप के कार्यकर्ताओं ने अलग अलग दलों के सांसदों से मिलकर रोहिंग्या मुसलमानों और गोरक्षा मंत्रालय के बारे में चर्चा की है. हम 370 से अधिक सांसदों से प्रमाण के साथ मिले हैं.”
हिंदुओं में फूट डालने की योजना पर काम कर रहीं राष्ट्र विरोधी ताकतें : विहिप
एजेंसी
Updated at:
15 Aug 2018 09:09 AM (IST)
मिलिंद परांदे ने कहा कि हिंदू समाज में समरसता बढ़ाने के लिए संतों की अहम भूमिका हो सकती है. इसी के मद्देनजर आगामी प्रयाग कुंभ में 31 जनवरी और एक फरवरी को धर्म संसद का आयोजन होने जा रहा है जिसमें देशभर से सभी पंथ संप्रदायों के साधु संत आएंगे और हिंदू समाज के समक्ष आ रही चुनौतियों पर चर्चा करेंगे.
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