नई दिल्ली: बीजेपी की कल तीसरी लिस्ट भी आ गई, कल कुल 67 उम्मीदवारों के नाम का एलान हुआ. इस तरह बीजेपी ने 403 में से कुल 371 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया. बीजेपी की तीसरी लिस्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को नाराज कर दिया है.
तीसरी लिस्ट में बीजेपी ने वाराणसी की रोहनिया सीट से भी उम्मीदवार उतारा है इस सीट से 2012 में अनुप्रिया पटेल ने चुनाव जीता था, अब बीजेपी ने सुरेंद्र नारायण औढ़े को टिकट दिया है.
विवाद की वजह मिर्जापुर की चुनार सीट भी है जहां से बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह को टिकट दे दिया है. इसके अलावा बांदा की मानिकपुर सीट से भी बीजेपी ने उम्मीदवार उतार दिया है. मानिकपुर से आर के पटेल को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.
ये वो सीटें हैं जिनको लेकर बीजेपी से बातचीत चल रही थी. पार्टी पर कब्जे को लेकर एक विवाद अनुप्रिया पटेल के घर में पहले से चल रहा है, एक खेमा वो है जो अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल की अगुवाई में चल रहा है.
मां के साथ अनुप्रिया की बड़ी बहन भी हैं जो अब कह रही हैं बहन से समझौते की अब कोई गुंजाइश नहीं वो डेढ़ सौ सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगी. 1995 में सोनेलाल पटेल ने अपना दल बनाया था. यूपी में कुर्मी वोटरों पर अपना दल की मजबूत पकड़ मानी जाती है.
पूर्वांचल के सोलह जिलों में आठ से बारह फीसदी तक कुर्मी जाति के वोटर हैं. इसके अलावा कानपुर और उसके आस पास के इलाकों में भी कुर्मी वोटरों की अच्छी संख्या है.
एक वक्त ऐसा भी था जब सोनेलाल पटेल जिंदा थे तब दो हजार सात के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना दल को अड़तीस सीटें दी थी लेकिन सोनेलाल पटेल के निधन के बाद घर में ही घमासान हो गया, पार्टी तो टूटी ही अब वोटरों पर पकड़ कितनी है ये भी सवाल बना हुआ है.
आपको यह भी बता दें कि 2007 में सोनेलाल पटेल के रहते बीजेपी ने अपना दल को 38 सीटें दी थीं. हालांकि इन दिनों अपना दल की भी हालत ठीक नहीं है. अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल की वर्चस्व की लड़ाई में पार्टी दो गुटों में बंट चुकी है. कृष्णा पटेल के मुताबिक वे करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी.